बिहार की राजनीत में यूं तो बड़े और छोटे भाई के कई किस्से सामने आये हैं। लेकिन महागठबंधन से जुदा होने के बाद नीतीश कुमार और लालू यादव के रिश्तो में आए तल्खी किसी से छिपी भी नहीं है। बड़े भाई लालू यादव भले ही राजनीतिक तौर पर सक्रिय ना हो लेकिन भतीजे तेजस्वी ने लगातार चचा नीतीश की नाक में दम कर रखा है। सियासी रिश्ते में आई तल्खी के बीच संबंधों का हल्का फुल्का पल आज विधान परिषद में देखने को मिला।
बता दें कि बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आमने-सामने हो गए। विधान परिषद सभापति को औपचारिक रूप से सत्र की शुरुआत पर बधाई देने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मुलाकात हो गई। हुआ यूं की नीतीश कुमार पहले से ही सभापति कक्ष में मौजूद थे और बाद में आई राबड़ी देवी ने भी सभापति हारून रशीद को बुके देकर सत्र के लिए शुभकामनाएं दी। राबड़ी देवी बुके देकर वापस लौटने लगीं तब नीतीश कुमार ने मुस्कुराते हुए उनसे बैठने का आग्रह किया। राबड़ी देवी भी नीतीश कुमार के साथ ग्रह को दाल नहीं सकी और थोड़ी देर के लिए सभापति कक्ष में ही बैठ गईं। इस दौरान सभी के बीच हल्की-फुल्की बातचीत भी हुई।
लालू परिवार से नीतीश कुमार की नज़दीकियां छिपी नहीं है। राजनीतिक तौर पर आज भले ही नीतीश लालू के कुनबे से दूर खड़े हों लेकिन सबको पता है कि महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार जब भी लालू यादव के घर पर पहुंचे तब राबड़ी देवी ने बड़े ही सम्मान के साथ नीतीश कुमार का खुद अपने हाथों से खाना परोसा। नीतीश और लालू के बीच छोटे और बड़े भाई के इस रिश्ते ने राबड़ी देवी को नीतीश कुमार का भाभी बना दिया और नीतीश देवर बन गए। रिश्तों के बीच जारी सियासत के बीच यह पुरानी यादों का ही असर है कि एक दूसरे कोसने वाले सामने आ जाएं तो हाथ जुड़ जाते हैं और चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है।