बिहार के राजद विधायक अब्दुल गफूर का निधन

बिहार सरकार के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह महिषी से आरजेडी के विधायक का दिल्ली स्थित एक अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया. विधायक के निधन से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर है. बताया जाता है कि आरजेडी विधायक लीवर कैंसर से पीड़ित थे.

Update: 2020-01-28 04:14 GMT

सहरसा जिले की महिषी विधानसभा के राजद विधायक अब्दुल गफूर का निधन हो गया . राजद के प्रदेश नेता भाई सनोज यादव ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके निधन से राजद को बड़ी क्षति बताई. 

बिहार सरकार के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह महिषी से आरजेडी के विधायक का दिल्ली स्थित एक अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया. विधायक के निधन से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर है. बताया जाता है कि आरजेडी विधायक लीवर कैंसर से पीड़ित थे.

जानकारी के मुताबिक, बिहार सरकार के पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह सहरसा जिले के महिषी विधानसभा क्षेत्र से विधायक अब्दुल गफूर पार्टी का दिल्ली के एक अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया. उन्हें हाल ही में राजधानी पटना के पारस अस्पताल से नयी दिल्ली ले जाया गया था. वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. बताया जाता है कि आरजेडी के पुराने नेताओं में गिने जानेवाले अब्दुल गफूर लीवर कैंसर से पीड़ित थे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताया शोक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के निधन पर गहरी शाेक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने शाेक संदेश में कहा कि वे एक प्रख्यात राजनेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में अहम मकाम अता करे और उनके परिवार वालाें काे इस अपूरणीय क्षति काे सहन करने की ताकत दें. साथ ही मुख्यमंत्री ने अब्दुल गफूर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किये जाने की घोषणा की है.

अब्दुल गफूर का जीवन वृत्त

अब्दुल गफूर का जन्म सहरसा जिले के एक छोटे से गांव में पांच मई, 1959 को हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद जमाल था. साल 1974 में मात्र 15 वर्ष की आयु में वह राजनीति में प्रवेश कर गये थे. साल 1995 में वह जेडीयू के टिकट पर महिषी से चुनाव लड़े थे. हालांकि, साल 1997 में वह आरजेडी में शामिल हो गये थे. इसके बाद साल 2000, 2010 और 2015 में महिषी से चुनाव जीते थे. हालांकि, 2005 में उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. मास्टर की डिग्री हासिल करने के बाद पीएचडी करनेवाले अब्दुल गफ्फूर 20 नवंबर, 2015 से 26 जुलाई 2017 तक बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री भी रहे.

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