दरिंदगी और सरकारी निक्कमेपन का शिकार गुलनाज के इंसाफ की लड़ाई लड़ेगी रालोसपा

रसूलपुर हबीब गांव की गुलनाज को दबंगों के साथ गांव के ही तीन दबंग परिवार ने छेड़खानी की और फिर विरोध करने पर उसे जला डाला.;

Update: 2020-11-22 09:16 GMT

पटना. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने वैशाली जिला के चांदपुर ओपी के रसूलपुर हबीब गांव की गुलनाज खातून को जला कर मार देने की कड़े शब्दों में निंदा की है और नीतीश कुमार सरकार के सुशासन पर सवाल उठाया है. रालोसपा ने पुलिस और प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाया जिसने न सिर्फ घटना को दबाने की कोशिश की बल्कि हत्यारों को बचाने की कोशिश भी की. रसूलपुर हबीब गांव की गुलनाज को दबंगों के साथ गांव के ही तीन दबंग परिवार ने छेड़खानी की और फिर विरोध करने पर उसे जला डाला. घटना 30 अक्तूबर को घटी. पीएमसीएच में पंद्रह दिन के बाद गुलनाज की मौत हो गई. रालोसपा ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के निर्देश पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फ़ज़ल इमाम मल्लिक की अगुआई में रालोसपा के दल ने रसूलपुर हबीब गांव का दौरा किया और पीड़िता की मां सैमुना खातून व परिजनों से मुलाक़ात की. दल ने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए लीगल टीम का गठन किया है. रालोसपा के इस दल के दूसरे सदस्य थे अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अज़हरूल हक़ उर्फ चुन्ने खान, रालोसपा नेता व पटना हाईकोर्ट के वकील एम हसन शेरू, कलीम उद्दीन इदरीसी, वैशाली रालोसपा ज़िला अध्यक्ष कमल प्रसाद सिंह, रालोसपा युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव सुनील कुशवाहा और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मुश्ताक़ अहमद. 

दल ने पीड़ित परिवार को हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि रालोसपा की लीगल टीम पीड़िता की लड़ाई लड़ेगी और उसे इंसाफ दिलाएगी. रालोसपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के दावे पर सवाल उठाते हुए उनकी चुप्पी पर तंज कसा. मल्लिक ने कहा कि इस घटना से समाज शर्मसार हुआ है. देश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं. हाथरस हो, गुरुग्राम या वैशाली, बेटियां लगातार दरिंदों का शिकार हो रहीं हैं. मल्लिक ने कहा कि कल निकिता थीं, आज गुलनाज है सिर्फ नाम और जगह बदला है बेटियां वहां भी दरिंदगी का शिकाह हुईं और यहां भी. उन्होंने इस तरह की घटनाओं पर सियासत करने और इसे किसी धर्म या जाति के चश्मे से न देखने की गुहार करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं गया तो अगली बार हममें से किसी की बहन-बेटी दरिंदगी का शिकार हो सकती हैं. रालोसपा ने खुद को अकलियतों के चैंपियन बताने वाले दलों को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि अब तक न तो सरकार का कोई नुमाइंदा यहां आया है और न ही विपक्ष के नेता जो खुद को अकलियतों का सबसे बड़ा हमदर्द बताता आ रहा है. मल्लिक ने सवाल किया कि जो मसीहा बनने का दावा करते हैं वे मजलूमों के साथ खड़े क्यों नहीं हैं.

रालोसपा ने आरोप लगाया कि 30 अक्टूबर को घटना घटी लेकिन पुलिस और प्रशासन  इस पर परदा डालने में लगा रहा. पुलिस के निकम्मेपन की कहानी यह है कि एफआईआर दर्ज करने में भी कई दिन लगा दिए गए जब तक कि इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर नहीं आ गई. लेकिन एफआईआर और मरने वाली के बयान के बावजूद अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की. समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती तो गुलनाज को बचाया जा सकता था. लेकिन पुलिस की लापरवाही सामने आई है और एक तरह से परोक्ष रूप से उसने हत्यारों की मदद की. पहले छेड़छाड़ की घटना पर संज्ञान नहीं लिया और हादसे के बाद उसने टालू रवैया अपनाया. पुलिस की लापरवाही की वजह से ही हत्यारे बाहर घूमते रहे. लड़की की मौत के बाद जब शोर मचा तो पुलिस ने थोड़ी सक्रियता दिखाई जरूर लेकिन पहले उसने इतनी ही सक्रियता दिखाई होती तो घटना को रोका जा सकता था.

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी इस सिलसिले में सभी हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करती है. इसके अलावा दोषी पुलिस वालों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर उनके खिलाफ भी आरोपियों से मिलीभगत करने और हत्यारों को मदद करने के लिए मुकदमा चलाने की मांग करती है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी मृतिका के परिजनों को उचित मुअवजा, परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी और सुरक्षा देने की भी मांग करती है. मल्लिक ने कहा कि सरकार अगर तत्काल कारवाई नहीं करती है तो पार्टी सड़क पर भी उतरेगी और पीड़िता को न्याय दिलाने तक खामोश नहीं बैठेगी.

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