बिहार सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे जीतनराम मांझी एक बड़ा फैसला ले सकते है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ जीतनराम माझी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते है. मांझी ने अभी दो दिन पहले ही राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव को लेकर एक बड़ा बयान देकर सबको चौंका दिया था.
बिहार में फिलहाल बीजेपी जदयू की बड़ी जीत के बाद राजनैतिक मायूसी छाई हुई है लेकिन यूपी बिहार राजनीत की जननी है इसलिए यहाँ शांति रहना बड़ी मुश्किल रहती है. अब पूर्व सीएम और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी कांग्रेस में शामिल हो सकते है. कांग्रेस यूपी और बिहार में अपनी खुद की जमीन तैयार करने के मूड में आ गई है. इसलिए अब कांग्रेस एक बार सर्व समाज की राजनीत करती नजर आ रही है.
मांझी का जन्म बिहार राज्य के गया जिले की खिजरसराय के महकार गाँव में हुआ है. उनके पिता का नाम रामजीत राम मांझी है जो खेतिहर मजदूर थे. उन्होंने गया महाविद्यालय से १९६६ में स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की. वो महा दलित मुसहर समुदाय से हैं. १९६६ में उन्होंने लिपिक की नौकरी करना आरम्भ किया और १९८० में नौकरी छोड़ दी.
मांझी ने नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में कदम रखा और १९८० में विधायक चुने गये. इसके बाद वो १९९० और १९९६ में भी विधायक चुने गये. २००५ में बाराचट्टी से बिहार विधान सभा के लिए चुने गये. १९८३ से १९८५ तक वो बिहार सरकार में उपमंत्री रहे, १९८५ से १९८८ तक एवं पुनः १९९८ से २००० तक राज्यमंत्री रहे. २००८ में उन्हें केबिनेट मंत्री चुना गया. मुख्यमंत्री बनने के १० महीनों के बाद पार्टी ने उनसे नितीश कुमार के लिये पद छोड़ने को कहा. ऐसा न करने के कारण उनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. २० फरवरी २०१५ को बहुमत साबित न कर पाने के कारण उन्होनें इस्तीफ़ा दे दिया.
उसके बाद उन्होंने अपनी खुद की हम पार्टी का निर्माण किया और बीजेपी नीति एनडीए से मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ा. जिसमें वो उनकी पार्टी की और एनडीए की बड़ी पराजय हुई इसके बाद अब यूपीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा तो यूपीए समेत उनकी पार्टी को बुरी हार का सामना करना पड़ा. अब उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा सामने आई है.