घबराइये नहीं, 30 हजार में ही मिलेगा टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा, नि:संतानों को संतान सुख दिलाएगा सरकारी अस्पताल IGIMS
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) सूबे के ऐसे लोगों के घर संतान सुख दिलाएगा जो अब तक नि:संतान हैं। अब ऐसे दंपती के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा उपलब्ध होगी।;
शिवानन्द गिरी
पटना। बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा बहाल की जाएगी ।पहले इसके लिए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) को चुना गया है जहाँ सितंबर से यह चालू हो जाएगा। तो अब आइजीआइएमएस बिहार का पहला सरकारी अस्पताल होगा जहां सूबे के ऐसे लोगों के घर बच्चों की किलकारी गुंजवाएगा, जो अब तक संतान सुख से वंचित हैं। आइजीआइएमएस में अब ऐसे दंपती के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा उपलब्ध होगी।
यह सुविधा सितंबर से मिलने लगेगी। इसके लिए 50 से अधिक दंपती की जांच कराकर निबंधन कराया जा चुका है।
सितंबर से संस्थान में टेस्ट ट्यूब बेबी (आइवीएफ) की सुविधा मिलेगी। सूबे के किसी सरकारी संस्थान में यह सुविधा आरंभ करने का गौरव आइजीआइएमएस को ही मिलेगा। संस्थान में आइवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की सुविधा बहाल होने जा रही है। दरअसल पहले यह सुविधा प्राइवेट अस्पतालों में ही थी जहां इसके लिए काफी खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन यहां बाजार दर से आधी कीमत पर सुविधा मिलेगी।
आइजीआइएमएस के रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. कल्पना सिंह ने बताया कि सितंबर के अंत तक यह सुविधा आरंभ हो जाएगी। इसके लिए आइवीएफ, इक्सी, इम्सी के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी आ चुके हैं।
टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए देने होंगे 30 हजार रुपये
इस बारे में जानकारी देते हुए आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल के अनुसार आइवीएफ में मरीजों को 30 हजार रुपये और इक्सी के लिए 35 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। बताया जाता है कि निजी संस्थानों में आइवीएफ के लिए मरीजों को डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च करने पड़ते है। लेकिन अस्पताल की ओर से 30 हजार और 35 हजार रुपये फीस रखी गई है। इसके अतिरिक्त मरीजों को दवा में खर्च करने पड़ेंगे। इसमें भी लगभग मरीजों को 30-35 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
महीने के अंत तक मिल जाएंगे भवन
उन्होंने बताया कि रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग का भवन ओपीडी रजिस्ट्रेशन ब्लॉक के बगल में तैयार हो रहा है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। यह भवन अगस्त के अंत तक अस्पताल प्रशासन को मिल जाएगा। इसके बाद विभाग आरंभ होने से आइवीएफ से संबंधित इलाज की सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलने लगेंगी।मनीष मंडल के अनुसार इससे बिहार के उन मरीजो को काफी फायदा होगा जो पैसे के अभाव में संतान सुख से वंचित रह जाते हैं।