नीतीश कुमार ने बार-बार मीडिया को हाथ जोड़कर क्यों किया प्रणाम? जानिए

Update: 2020-01-24 13:11 GMT

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अंदर को भावना को छुपा नहीं पाते. शुक्रवार को उन्होंने मीडिया से अपनी पार्टी के नेता पवन वर्मा के एक पत्र को मिले कवरेज पर इशारे-इशारे में नाराजगी जता दी. नीतीश कुमार ने कर्पूरी जयंती पर अपनी पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बैठक को संबोधित किया. उन्होंने अति पिछड़ा समाज के लिए किए गए कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि सुना है, बहुत लोग होता है जो कुछ न कुछ बोलता रहता है. क्या बोले, क्या न बोले, और ये भाई साहब लोग छापते रहते हैं. चलिए हमको क्या दिक्कत है हम ध्यान नहीं देते हैं. हमारा ध्यान है काम.

नीतीश कुमार का निश्चित रूप से इशारा पिछले तीन दिनों से मीडिया में पवन वर्मा का पत्र प्रकरण था. हालांकि शुक्रवार की सुबह उन्होंने साफ किया था कि वे उसका जवाब नहीं देंगे क्योंकि ऐसे पत्रों का वो नोटिस नहीं लेते.

लेकिन अति पिछड़े समुदाय के लिए उनकी सरकार और कौन-कौन सी नई योजनाएं ला रही है, इसके बारे में घोषणा करने के बाद उन्होंने फिर मीडिया के लोगों की तरफ हाथ जोड़कर कहा कि कुछ तो अपने राज्य के बारे में सोचिए भाई लोग पत्रकार बंधु. बिहार में क्या-क्या होता है, क्या-क्या असर होता है.

निश्चित रूप से नीतीश को इस बात से नाराजगी है कि स्थानीय मीडिया और राष्ट्रीय मीडिया में उनकी पार्टी के अंदर की बातों को जितना तूल दिया जाता है उतना कवरेज उनके कार्यक्रमों, जैसे 'जल जीवन हरियाली' को नहीं मिलता. लेकिन उनके अपने कट्टर समर्थक भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले से नीतीश स्थानीय मीडिया से जैसे अपनी दूरी बढ़ाए हैं वैसे में शिकायत करने के बजाय कभी अपनी आत्मविवेचना करनी 

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