क्या एनडीए में ही बनें रहेंगे नीतीश?

Update: 2019-06-06 07:48 GMT

ऐसा लगता है कि बिहार की राजनीति एक बार फिर करवट लेने की तैयारी में है, हालाँकि निश्चित तौर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी. राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल की नेता राबड़ी देवी ने यह कह कर सबको चौंका दिया है कि विपक्ष के गठबंधन में नीतीश कुमार के शामिल होने के ख़िलाफ़ वह नहीं हैं.

राबड़ी देवी ने एक पत्रकार से उनके पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'यदि नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते हैं तो हम उनका विरोध नहीं करेंगे.' 

बीजेपी को झटका

इस सामान्य से दिखने वाले बयान के गंभीर राजनीतिक निहितार्थ हैं. नीतीश कुमार बीजेपी से बुरी तरह नाराज़ हैं. वह चाहते थे कि नरेंद्र मोदी सरकार में उनके जनता दल यूनाइटेड से कम से कम दो सांसद मंत्री बनाए जाएँ. पर बीजेपी ने सिर्फ़ एक पद की पेशकश की. नाराज़ जनता दल यूनाइटेड ने मंत्रिपरिषद से बाहर रहना ही बेहतर समझा. इसके बाद नीतीश कुमार ने अपनी विशिष्ट शैली में बीजेपी पर पलटवार किया. उन्होंने बिहार मंत्रिपरिषद का विस्तार किया और 8 नए मंत्रियों को शामिल किया. पर इसमें बीजेपी से किसी को शामिल नहीं किया गया. राज्य सरकार में बीजेपी शामिल है और सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री हैं. नए विस्तार में बीजेपी को जगह नहीं दिए जाने को सुशील मोदी ने हल्का करने की कोशिश करते हुए कहा कि अगले विस्तार में उनके लोग सरकार में शामिल होंगे. पर यह तो साफ़ है कि जानबूझ कर इस बार उनके दल की उपेक्षा की गई है.

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