छत्तीसगढ़ सरकार का आदेश, मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि होगी समाप्त

छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि को समाप्त करने का फैसला किया है।

Update: 2020-01-24 11:21 GMT

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार (Government) ने देश में आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे मीसा बंदियों को मिलने वाली सम्मान निधि (Misa Pension) को समाप्त करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 को रद्द कर दिया है।

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2008 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा, डीआईआर के अधीन निरुद्ध व्यक्तियों को सहायता देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 बनाया था।कांग्रेस नेताओ की माने तो मीसा बंदियों पर खर्च की जाने वाली लाखों-करोड़ो रुपयों की राशि के वितरण पर रोक लगाने और इस नियम को समाप्त करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की थी।

भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने भाजपा और आरएसएस के नेताओं को खुश करने के लिए मीसा बंदियों को राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया था जिसे सम्मान निधि कहा जाता था। तिवारी ने कहा कि इन सम्मान निधियों में जो राशि खर्च की जाती थी उसे अब राज्य के बेरोजगार युवाओं तथा आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाली प्रतिभाओं पर खर्च किया जाना चाहिए जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके।



इधर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के इस निर्णय को अनुचित बताया है। राज्य की कांग्रेस सरकार हमेशा की तरह जनविरोधी फैसला ले रही है। राज्य में करीब तीन सौ मीसाबंदी हैं जिन्हें सम्माननिधि दी जा रही थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने आदेश निकालकर सम्माननिधि नहीं देने की बात कही है।

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