एक तरफ मन्त्रोच्चारण हो रहा है। दूसरी तरफ, छत्तिसगढ़ मुख्य-मन्त्री के सामने, उक्त पार्टी के बड़े नेता, उसी पार्टी की एक नेत्री की मिलीभगत से, बहुत ही अभद्र तरीके से हंसी-मज़ाक कर रहे हैं।
एक तरफ उक्त पार्टी, औरान्गाबाद मे ओवैसी की पार्टी AIMM के पार्षद को पैसा देकर, पहले अटलजी की श्रद्धआंजली प्रस्ताव का विरोध करवाती है; फिर और पैसा देकर उसको जेल भेजती हैं। यानी यह दिखावा कि हम अटलजी का कितना सम्मान करते हैं! वहीं दूसरी तरफ अटलजी की श्रद्धआंजली सभा मे उक्त पार्टी के बड़े नेता, अटलजी के अपमान मे AIMM पार्षद से भी आगे बढ़ जाते हैं!
उक्त नेत्री वही हैं, 'जिनके लिये', छत्तिसगढ़ और केन्द्र के उक्त पार्टी के नेताओं ने अटलजी की एकमात्र राजनैतिक वारिस, उनकी सगी भतीजी--पूर्व MP श्रीमती करुणा शुक्लाजी--का अपमान किया था। करुणाजी मेरी रिश्तेदार हैं। इस अपमान के बाद, 2014 मे करुणाजी को मै ही कांग्रेस मे लाया था। और श्रीमती सोनिया गांधी ने उन्हे बिलासपुर MP सीट का टिकट दिया था!
मै पहले भी लिख चुका हूं; इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है--
लेकिन वो फिर कभी...
लेखक अमरेश मिश्र वरिष्ठ पत्रकार है, उनके निजी विचार है.