एग्जिट पोल का ख्याली पुलाव खाकर डकार रहे लोगो जब 23 को खुली देग बहुमत नहीं आया तो!

Update: 2019-05-20 10:58 GMT

देश में लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम में अब सिर्फ साठ घंटे बचे है. लेकिन एनडीए और यूपीए में सीटों को लेकर घमासान मचा हुआ है. जिसमें एक्जिट पोल ने घी डालकर सभी की अग्नि तेज कर दी. सभी दलों के बड़े नेता अपनी आग बुझाने के लिए दुसरे दलों के नेताओं से सम्पर्क में जुटा हुआ है ताकि उनके समर्थन की आशा से उसकी आग ठंडी हो जाए. 


उधर एक्जिट पोल के नतीजों से खुश एनडीए समर्थक फिलहाल ख्याली पुलाव खाकर लंबी डकार ले रहे है. जिसकी आवाज सुनकर यूपीए समर्थकों की नींद उडी हुई है. बेचारे ईवीएम को छोड़कर अब दिशा मैदान भी नहीं जा रहे है. कहीं ईवीएम का खेल खेला जाय. इस अन्धकार रूपी परिणाम में पूरा देश जी रहा है. जहाँ कुछ बातें बड़ी ही असमंजस पैदा कर रही है. 


जहां टाइम्स नाऊ कह रहा हो कि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी को लगभग तीन प्रतिशत वोट मिलेगा. जबकि आम आदमी पार्टी कह रही है कि उनका कोई भी उम्मीदवार नहीं खड़ा है. अब बताइए यह एक्जिट पोल का क्या मतलब निकलना चाहिए. 


दूसरी बात ओड़िसा में सभी एक्जिट पोल नवीन पटनायक की वापसी का संकेत दे रहे है. जबकि लोकसभा में उनको चार सीटों पर सिमटा रहे है क्या आपको लगता है कि आप ग्रामीण अंचल के वोटर से यह उम्मीद रख सको कि लोकसभा में वो बीजेपी को विधानसभा में वो नवीन पटनायक को वोट कर सके. यह तो नामुकिन है लेकिन मोदी है तो मुमकिन है. 


तीसरी बात तमिलनाडू में इस बार सभी सर्वे डीएमके और कांग्रेस गठबंधन की बढत बताई गई थी. और लोकसभा चुनाव में एक्जिट पोल ने सफाया कर दिया है. इस पर कई राजनैतिक पंडितों की अपनी अपनी राय अलग अलग है. 


यूपी और बिहार में बीजेपी को झटका लगना तय माना जा रहा है. जबकि एक्जिट पोल में बिहार में बढत और यूपी में थोडा कमजोर बताया गया है. मध्यप्रदेश , गुजरात , राजस्थान , हरियाणा , झारखंड , छत्तीसगढ़ , दिल्ली , उत्तराखंड , हिमाचल समेत कई राज्यों में सभी सीटों पर बीजेपी काबिज है अब इन राज्यों में अपना इतिहास दोहराना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है. लेकिन फिर भी एक्जिट पोल बीजेपी की जीत बता रहे है जबकि यह कहने में भी पीछे नहीं है कि पिछले चुनाव की तरह मोदी लहर नहीं है. 


अब आपको बता दें कि ज्यादा दिमाग न लगाकर हम सब शांतिपूर्ण तरीके से 23 का इंतजार करें और जो जीते उस सरकार का स्वागत करें. खुले दिल से आनेवाली सरकार का स्वागत करें. 

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