गोवा विधानसभा मानसून सत्र शुरु, विपक्ष की कुर्सी क्यों खाली पड़ी !

सत्र के पहले दिन विपक्ष के नेता की कुर्सी खाली रही जबकि चार कैबिनेट मंत्री सदन की कार्यवाही में बिना विभागों के शामिल हुए

Update: 2019-07-15 11:21 GMT

पणजी। गोवा विधानसभा का 20 दिनों तक चलने वाले मानसून सत्र सोमवार यानि आज से शुरू हो गया है। यह सत्र कांग्रेस के 10 विधायकों के पार्टी से इस्तीफा देकर पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद हो रहा है। सत्र के पहले दिन विपक्ष के नेता की कुर्सी खाली रही जबकि चार कैबिनेट मंत्री सदन की कार्यवाही में बिना विभागों के शामिल हुए। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सदन को बताया कि वह उन चार मंत्रियों के विभागों से संबंधित सवालों के जवाब देंगे जिन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है।

बतादें कि गोवा में कांग्रेस के 10 विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद सावंत ने 13 जुलाई को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया था। मंत्रिमंडल में बदलाव के लिए सहयोगी दल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के 3 सदस्यों और एक निर्दलीय सदस्य को मंत्री पद से हटाया गया था। राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले माइकल लोबो और भाजपा में शामिल होने वाले 10 में से तीन विधायक चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मोन्सेराते और फिलिप रोड्रिग्ज ने नए मंत्रियों के तौर पर शपथ ली थी।

हालांकि मंत्रियों को विभागों का आवंटन अभी नहीं हुआ है। गत बुधवार को भाजपा में शामिल होने से पहले कावलेकर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने सदन के बाहर पत्रकारों को बताया कि विपक्ष के नेता को अगले दो दिन में चुन लिया जायेगा। इससे पूर्व मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर ने जीएफपी के तीन सदस्यों और निर्दलीय विधायक रोहन खुंटे के बैठने के स्थान में बदलाव किया। मंत्रिमंडल से हटाये जाने के बाद जीएफपी के तीन सदस्यों और निर्दलीय विधायक ने सावंत के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।


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