क्या किसान आंदोलन की भेंट चढ़ जायेगी हरियाणा की खट्टर सरकार?

हरियाणा सरकार को किसान आंदोलन के बीच झटका लगा है. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना सपोर्ट वापस लिया, हालांकि सरकार के नंबरों पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

Update: 2020-12-01 09:18 GMT

किसानों के प्रदर्शन के बीच हरियाणा में मनोहर खट्टर सरकार को झटका लगा है. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. विधायक ने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, उसको देखते हुए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं.

आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का गुस्सा सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा में ही फूटा है. पंजाब से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, जिन्हें हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया था. यहां किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया, जिसपर काफी विवाद हुआ था और खट्टर सरकार निशाने पर आई थी.

हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार अपने दम पर नहीं बल्कि कई विधायकों के समर्थन के साथ सत्ता में बनी हुई है. सरकार में बीजेपी के 40, JJP के 10 और 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इन्हीं में से एक विधायक ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि, इससे खट्टर सरकार पर कोई असर नहीं होगा.

हरियाणा में बहुमत के लिए कुल 46 का आंकड़ा चाहिए, जबकि खट्टर सरकार के पास अब 55 विधायकों का समर्थन है. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान के समर्थन के साथ हरियाणा सरकार के पास कुल आंकड़ा 56 का था.

गौरतलब है कि हरियाणा में जिस तरह किसानों पर एक्शन लिया गया, उसपर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने भी आपत्ति जताई थी. ट्विटर पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री कई बार आमने-सामने भी आए. पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर ने मनोहर खट्टर से बात करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए.

हालांकि, जवाब में मनोहर खट्टर ने कहा था कि किसानों को कृषि कानून से कोई घाटा नहीं होगा, MSP कभी खत्म नहीं होगी. अगर MSP हटी तो वो राजनीति से रिटायर हो जाएंगे.

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