कश्मीर में राज्यपाल की विधान सभा भंग करने की जल्दी के मायने

Update: 2018-11-22 12:13 GMT

जम्मू कश्मीर विधान सभा को भंग करते ही राज्यपाल सत्यपाल मालिक आलोचनाओं के निशाने पर आ गए हैं. इसकी वजह ये रही ही सत्यपाल मालिक ने राज्य के प्रमुख तीन संगठनों द्वारा मिल कर सरकार बनाये जाने की खबरों के बीच विधानसभा भंग करने का आदेश जारी किया.


हालाँकि राज्य को एक मध्यवधि चुनाव से बचने के लिए एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिश कर रही पार्टियों को मौक़ा देना चाहिए था. जम्मू कश्मीर राज्य में कुल 87 विधान सभा सीट हैं जिनमे पिछले चुनाव में पीडीपी को 28, नेशनल कांफ्रेस को 15 , कांग्रेस को 12 , भाजपा को 25 और अन्य को 7 सीटें मिली थी. सबसे बड़े दल के रूप में उभरने वाली पीडीपी के साथ पहली बार राज्य में इतने विधायक जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी ने मिल कर सरकार बनायीं थी लेकिन दोनों पार्टियों की विपरीत विचारधारा थी इसलिए ज़्यादा समय तक महबूबा सरकार नहीं चल पायी.


राज्य में गवर्नर राज लगा दिया गया. इसी बीच फिर से ये खबरें आने लगी की कांग्रेस, पीडीपी. एनसी मिल कर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन भाजपा को ये बात नागवार गुज़री. सूत्रों का कहना है की  भाजपा ने केंद्र सरकार होने का फायदा उठाते हुए राज्यपाल से विधानसभा भंग होने का आदेश जारी कराया है. राजनीति के जानकारों का कहना है की शायद राज्य में दोबारा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही करवा दे इस उम्मीद पर की हो सकता है आने वाले चुनाव में भाजपा की स्थिति और सुधरे लेकिन इसकी संभावनाएं बहुत कम नज़र आ रही हैं.  

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