फारूक अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका

Update: 2019-09-30 06:09 GMT

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. हाल ही में अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था. इससे पहले तक फारूक 4 अगस्त से नजरबंद थे. पीएसए एक्ट लगने के बाद अब फारूक अब्दुल्ला जहां भी रहेंगे वह अस्थाई जेल होगी.

मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) नेता वाइको ने अपने करीबी दोस्त और नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की हिरासत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कोर्पस) याचिका लगाई थी. इसपर सोमवार को सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि फारूक अब्दुल्ला पर PSA एक्ट लगाया गया है. इसके बाद कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद वाइको ने इस याचिका में फारूक अब्दुल्ला को कोर्ट के सामने पेश करने की गुजारिश की थी. लेकिन, चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई, जस्टिस बोबडे और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की बेंच ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि पीएसए एक्ट के तहत डिटेंशन ऑर्डर जारी होने के बाद इस याचिका में विचार करने के लिए और कुछ नहीं रह गया है.

बता दें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम या पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत प्रावधान है कि इसमें बिना कोई मुकदमा चलाए किसी भी शख्स को दो साल तक के लिए हिरासत में लिया जा सकता है. अब खबर है कि यही पीएसए राज्य के कई सारे लोगों पर लगाया जा सकता है.

इसके पहले एमडीएमके के राज्यसभा सांसद वाइको ने 28 अगस्त को चिट्ठी लिखकर सरकार से फारूक अब्दुल्ला को चेन्नई आने की इजाजत मांगी थी. लेकिन, सरकार की तरफ से इस चिट्ठी का कोई जनाब नहीं दिया गया था.

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