अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, NIA ने घर को किया सीज

आसिया अंद्राबी अक्सर आतंकियों के समर्थन में तकरीरें किया करती हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार कश्मीरियों के हक को मारने का काम कर रही है।

Update: 2019-07-10 06:06 GMT

नई दिल्ली : अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कड़ी कार्रवाई की है। टेरर फंडिंग के मामले में एनआईए ने अंद्राबी के घर को सीज कर दिया है। इसका अर्थ ये है कि अब वो न घर बेच सकेंगी और न ही घर रेंट पर दे सकेंगी। आसिया अंद्राबी अक्सर आतंकियों के समर्थन में तकरीरें किया करती हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार कश्मीरियों के हक को मारने का काम कर रही है। 

आसिया अंद्राबी ने हाल ही में सनसनीखेज जानकारी दी थी कि वो पाकिस्तानी आर्मी के एक ऑफिसर के जरिए लश्कर सरगना हाफिज सईद के करीब आई थीं और वो अधिकारी आसिया का रिश्तेदार था। आतंकी संगठनों के साथ रिश्ते के संदर्भ में एनआईए उनसे पूछताछ कर रही है। एनआईए का कहना है कि अंद्राबी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं कि वो किस तरह से कश्मीरी युवाओं को भड़काने का काम करती रही हैं।



अंद्राबी का नाम राष्ट्रीय फलक पर करीब चार साल पहले आया था जब उन्होंने पाकिस्तानी झंडा फहराने के साथ साथ पाकिस्तान के राष्ट्रीय गान को गाया था। बताया जाता है कि अंद्राबी का ब्रेनवॉश हाफिज सईद ने किया था। एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ केस दर्ज किया है जिसके मुताबिक वो हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात- उद दावा से फंड पाती थीं।

लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि अब समय आ चुका है जब कश्मीर में अलगाववादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। एक तरफ तो अलगाववादी नेताओं के बच्चे विदेशों में अच्छी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। लेकिन घाटी में कश्मीरी युवाओं को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। लेकिन अब इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आज समय की मांग है कि जब अलगाववादी नेताओं की सच्चाई को देश के सामने लाने की जरूरत है।

अमित शाह ने ये भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षाबलों को अहम कामयाबी मिली है। भारत सरकार के साथ साथ जम्मू-कश्मीर सरकार की कोशिश है कि गुमराह हो चुके कश्मीरी युवाओं को भारत की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाए। यही नहीं कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि नासूर बन चुकी कश्मीर समस्या के समाधान के लिए अब राजनीति को तिलांजलि देकर सभी दलों को राष्ट्रहित में सोचना चाहिए। 

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