कठुआ : 8 साल की बच्ची के साथ रेप-हत्या केस में 6 दोषी करार, एक आरोपी बरी

आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के बाद देश स्‍तब्‍ध रह गया था;

Update: 2019-06-10 05:58 GMT
नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के सनसनीखेज मामले में 7 में से 6 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है।दोषी करार आरोपियों में मुख्य आरोपी सांझी राम भी शामिल है। एक आरोपी नाबालिग है। किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले में एक ग्राम प्रधान समेत सात आरोपी हैं। पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की बच्ची का रेप करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इन सभी आरोपियों की सजा का ऐलान भी आज दोपहर दो बजे किया जाएगा।

जिन 6 आरोपियों की दोषी करार दिया गया है, उसमें ग्राम प्रधान सांजी राम (मुख्य आरोपी), दीपक खजुरिया, परवेश दोषी, तिलक राज, आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार शामिल हैं, जबकि सांजी राम का बेटे विशाल को बरी कर दिया है। 

15 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, 10 जनवरी 2018 को बच्‍ची को अगवा कर कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया. चार दिन तक बेहोश रखने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की रोजाना सुनवाई राज्‍य से बाहर पंजाब के पठानकोट में हुई. पठानकोट में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में सुनवाई शुरू हुई थी. पठानकोट जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर है. कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के ट्रांसफर का आदेश दिया था. 



क्राइम ब्रांच ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था. इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी दबोचा गया था. सांजी राम से कथित तौर पर चार लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हैड कांस्टेबल तिलक राज एवं एसआई आनंद दत्ता भी पकड़े गए थे.

आठ में से सात आरोपियों पर दुष्कर्म व हत्या के आरोप तय किए हैं. किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. दोषी करार दिए जाने पर आरोपियों को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम मौत की सजा सुनाई जा सकती है.

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