केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में खेलों के बुनियादी ढांचे को आधुनिक ढंग से विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपये की सौगात

खेलों के बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण हमारे खिलाड़ी निराश नहीं महसूस करेंगे : अनुराग सिंह ठाकुर

Update: 2021-09-28 07:26 GMT

पीआईबी, नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री ने बडगाम, पुलवामा और अनंतनाग में अत्यधिक सुसज्जित तीन इनडोर-स्टेडियम का भी वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री  अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में खेल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और इससे जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में एक-एक अत्यधिक सुसज्जित इनडोर स्टेडियम बनेंगे। आज उन्होंने ये बातें केंद्र सरकार के जन संपर्क कार्यक्रम के तहत बडगाम में खिलाड़ियों, पीआरआई के सदस्यों, डीडीसी, बीडीसी और छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं।

मंत्री ने बडगाम, पुलवामा और अनंतनाग में अत्यधिक सुसज्जित तीन इनडोर स्टेडियम का भी उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा कि अब इन स्टेडियमों में खेलों की सुविधा, मौसम या किसी अन्य व्यवधानों से प्रभावित हुए बगैर, 365 दिन चलेगी।

अनुराग  ने आगे कहा, "भविष्य में, मेरी इच्छा और लक्ष्य होगा कि मैं जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में जाऊं और जमीन पर मौजूद जरूरतों को व्यक्तिगत रूप से देखूं।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खेलों के वर्तमान ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत बनाने और सुधारने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। अपने संबोधन में मंत्री ने देश के सभी देशववासियों से इन जगहों पर आने और यहां के हरे-भरे चारागाहों, स्वच्छ वातावरण और जम्मू-कश्मीर के लोगों के आतिथ्य को देखने की अपील की।

उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण सामने आई ढेर सारी कठिनाइयों के बावजूद इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए जम्मू-कश्मीर के जिला प्रशासन और खेल परिषद के प्रयासों की भी सराहना की।

 ठाकुर ने कहा कि उन्हें यह देखकर काफी प्रसन्नता हुई कि जम्मू-कश्मीर के युवा खेल गतिविधियों में गहरी रुचि दिखा रहे हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा, "खेलों के बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण हमारे खिलाड़ी निराश नहीं महसूस करेंगे।" सभी खेल गतिविधियों में वांछित परिणाम पाने के लिए उन्होंने युवाओं को नए और वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षण देने पर जोर दिया।

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