मोबाइल से कॉल तो कर सकते हैं, लेकिन इंटरनेट यूज करने के लिए जाना पड़ता है दूर, जहां 350 रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से देना पड़ता है चार्ज
श्रीनगर। आज कल के समय में हर इंसान के जिंदगी में इंटरनेट यूज करने का अहम हिस्सा हो चुका है लेकिन साल अगस्त में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया गया. इसके बाद यहां कई इलाकों में इंटरनेट, मोबाइल फोन और लैंडलाइन के सर्विस को रोक दिया गया. लेकिन अब घाटी में हालात लगभग सामान्य हो गए हैं. लोग अपने मोबाइल से कॉल तो कर सकते हैं लेकिन इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं. सरकार की तरफ से कई जगह इंटरनेट की सर्विस देने के लिए स्पेशल सेंटर बनाए गए हैं. लेकिन यहां भारी भीड़ के चलते आम लोगों का काम आसानी से नहीं होता है. कई बार घंटों इंतज़ार के बाद भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है.
दक्षिण कश्मीर के कोकेरांग की रहने वाली 18 साल की सुमित्रा वानी कड़ाके की ठंड के बीच दो बार अनंतनाग गईं. उन्हें आईटी ऑफिस में जाकर मेडिकल का रिजल्ट चेक करना था. लेकिन भारी भीड़ के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. उन्होंने कहा, 'वहां काफी भीड़ थी. चार कंप्यूटर लगे थे. लेकिन इतनी भीड़ थी की वहां खड़े होने की जगह तक नहीं थी.'
इंटरनेट के लिए बनिहाल में लोगों का जमावड़ा इसके बाद वानी को किसी ने बनिहाल जाने की सलाह दी. यहां इंटरनेट के ब्रॉडबैंड काम कर रहे हैं. बनिहाल रामबन ज़िले में एक पहाड़ी इलाका है. जम्मू डिवीजन में होने के चलते यहां इंटरनेट काम कर रहे हैं. यहां 12 दुकानों में इंटरनेट कैफे है, जहां 350 रुपये प्रतिघंटे के हिसाब से इंटरनेट की सर्विस दी जाती है.
इंटरनेट एक्सप्रेसबनिहाल पहुंचने के लिए ट्रेन और बसों की अच्छी सुविधा है. इन दिनों यहां सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रहती है. यहां ज़्यादातर लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए आते हैं. अनंतनाग से बनिहाल की दूरी सिर्फ 35 किलोमीटर है. यहां इन दिनों सुबह 9 बजे के आसपास भारी भीड़ दिखती है. लगभग इसी वक्त अनंतनाग से बनिहाल के लिए पहली ट्रेन जाती है. यहां से जानेवाले लगभग हर यात्री बनिहाल जाते हैं और वो भी सिर्फ इंटरनेट के लिए. सुबह से शाम तक बनिहाल में सड़कों पर लोगों की भीड़ दिखती है और शाम होते-होते पूरा शहर खाली हो जाता है. लिहाजा बनिहाल से जाने वाली ट्रेन को लोग इंटरनेट एक्सप्रेस नाम दे दिया है।