अंकिता सिंंह हत्याकांड मामला सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का किया गठन ,सीआईडी की टीम को दी गयी जांच का जिम्मा

Ankita Singh murder case:

Update: 2022-08-30 05:50 GMT

बात कोई 20वर्ष पूरानी है समस्तीपुर जिले में एक विधानसभा क्षेत्र है विभूतिपुर जहां से कभी रामदेव राय विधायक हुआ करते थे उस समय विभूतिपुर जातीय हिंसा के भयावह दौर से गुजर रहा था एक तरफ विधायक रामदेव राय थे और दूसरी तरफ जहां तक मुझे याद है अजय सिंह था ।

जबरदस्त मारकाट मचा हुआ था तभी एक बड़े कम्युनिस्ट नेता की हत्या हो गयी हिन्दुस्तान अखबार के जिला प्रभारी ने मुझे विशेष तौर से इस हत्या के पीछे का इनसाइड स्टोरी करने का निर्देश दिया ।उस समय उन इलाकों में दिन में भी जाना खतरे से खाली नहीं था लेकिन दोनों गैंग के शीर्ष नेतृत्व से सम्पर्क करने के बाद मैं एक सप्ताह तक लगातार इन इलाकों में जाकर लोगों से बात करता रहा और वर्षो से जारी खूनी खेल के पीछे वजह क्या है इसको टटोलते रहे।

स्टोरी के अंत में दोनों गैंग के हथियारबंद दस्ता का जो चीफ था उनसे मिलने पहुंचे क्यों कि खूनी हिंसा के पीछे कई तरह के तर्क आ रहे थे ऐसे में सच्चाई तक पहुंचने के लिए हथियारबंद दस्ता से मिलना जरुरी था। दोनों से मिले घंटों बात हुई सवाल जावब हुआ और उसके बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि विभुतिपुर में जो हिंसा का दौर चल रहा है ये कोई जातीय हिंसा नहीं है बल्कि अपराधियों कैे आपसी वर्चस्व बड़ी वजह है ।

मैं सात सीरीज में लिख कर जिला प्रभारी को दे दिए और बातचीत में जमीनी हकीकत क्या है वो भी मैंने बता दिया दो तीन दिन इन्तजार किया लेकिन खबर चलनी शुरु नहीं हुई शुरुआत में कहा गया है जिला प्रभारी छुट्टी में है लौट कर आयेंगे तो फिर छपना शुरु हो जायेंगा ।

एक दिन जिला प्रभारी का फोन आया संतोष स्टोरी तो ठीक है लेकिन इसमें सुधार की जरुरत है और इसको इस एंगल से लिख कर भेजिए कल से ही छापना शुरु हो जायेंगा ।

जिला प्रभारी जो कह रहे हैं वह करना मेरे लिए सम्भव नहीं था क्यों कि उस तरह से खबर छपने के बाद कभी उस इलाके के लोगों से आँख मिला नहीं पाते , मुझे लगा कि यह मेरे पत्रकारिता धर्म के विपरीत है जबकि उस दौर में हिन्दुस्तान अखबार में बाइलाइन छपना एक पत्रकार के लिए बड़ी बात होती थी लेकिन मैं उसी दिन हिन्दूस्तान अखबार छोड़ दिया ।

अब विषय वस्तु पर आते हैं झारखंड के दुमका में अंकिता सिंह को जिंदा जलाकर हत्या करने से जुड़ी एक खबर इन दिनों सुर्खियों में है संयोग से झारखंड में जो राजनीतिक अस्थिरता का जो दौर चल रहा है उसी सिलसिले में रांची आये हुए है जैसे ही रांची से एक ही खबर कि फेसबुक पर हमला शुरु हो गया संतोष सिंंह आप अंकिता सिंंह की नृशंस हत्या पर चुप क्यों हैं हत्यारा मुस्लिम है इसलिए खामोश है और इसके आड़ में क्या क्या नहीं लिखा खैर दुमका से मेरा पूराना रिश्ता रहा है अभी भी मेरे कई रिश्तेदार वहां रहता है, इसलिए दुमका का आर्थिक, समाजिक राजनीतिक और भौगोलिक बनावट को बहुत ही बेहतर तरीके से समझते है।

इस बीच एक मैसेज आया शर्म करिए अपने राजपूत समाज की बेटी के साथ एक मुसलमान ऐसा किया है और आप चुप है इतना सेकुलर मत बनिए। मुझे अचानक लगा दुमका में राजपूत की बेटी के साथ ऐसा करने को सोचने वाला कौन है भाई क्यों कि अभी भी इस शहर पर बिहार और यूपी से गये राजपूत की अच्छी पकड़ है पैसा वाला भी है और हथियार को कोई कमी ही नहीं है।

बस यू ही फोन लगा दिया पता चला जिस मुहल्ले में यह घटना घटी है यह बाद में बसा हुआ मुहल्ला है और इस मुहल्ले में हिन्दू और मुसलमान दोनों बाहरी है जिस लड़के पर आरोप है शाहरुख वो टाइल्स लगाने का मजदूरी करता है और पीड़िता के बाप का एक नम्बर का चेला है ,इतना ही नहीं इस घटना के तह में जाने के लिए जैसे जैसे आगे बढ़ रहे थे सब कुछ साफ होता जा रहा है अंकिता का फुफा ,चाचा सहित दर्जनों रिश्तेदार इस मुहल्ले में रहता है और अंकिता के फुफा जी इतने मजबूत है कि उस मुहल्ले में कोई नजर उठा कर नहीं देख सकता है ।

अंकिता के परिवार में ही 20 से 30 नौजवान ऐसा है जो एक बार सड़क पर उतर जाए तो बड़े बड़े का पसीना छुट जाता है खैर जिस चैनल के रिपोर्टर ने इस खबर को ब्रेक किया है वो मेरा साथ काम किये हुए हैं मैंने उसी को फोन लगा दिये।

उससे जब क्रॉस सवाल करने लगे तो कहता है सर अभी छोड़ दीजिए माहौल ऐसा बन गया है कि ऐसा सवाल अभी नहीं कर सकते हैंं फिर चैनल को भी यही चाहिए लेकिन आपने जो सवाल किया है वो बहुत सही है और बीते रात पीड़िता के पिता का जो हड़कत देखने को मिला है उससे मैं खुद शर्मिदा हूं ।

कल तक सर छोड़ दीजिए सासंद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा आ रहा है इसको जाने दीजिए मुझे भी लगता है कि इस घटना के पीछे कुछ और भी बात है।

सर दिल्ली से चैनल से फोन आ रहा है बात करके कांल करते हैं फिर थोड़ी देर में कांल आया मैंंने उससे तीन सवाल पर काम करने को कहा जिस घर में लड़की पर खिड़की के माध्यम से पेट्रोल फेका गया उस खिड़की का सारा शीशा कैसे टूटा, पेट्रोल वाला बोतल और माचिस मिला है वो कहां पर गिरा हुआ था, फिर ये भी पता करिए मारवाड़ी सब इतना सक्रिय क्यों जबकि पीड़िता का पिता एक दिन भी दुकान पर नहीं जाता था तो सैलरी काट लेता था ।

इस पर भी गौर करिएगा पीड़िता की दादी से बात करिए वो सही बात बतायेगी ,उसके घर से सामने ही पीड़िता के फुफा रहते हैं उसके घर के लोगों से बात करिए।

हम लोगों का उद्देश्य अंकिता को न्याय दिलाना है हिन्दू मुसलमान और बैकवर्ड फॉरवर्ड नहीं करना है जो दोषी है उसको सजा मिलनी चाहिए।

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