बिहार का कुख्यात नक्सली मारा गया हजारीबाग में, इंसास बरामद व सौ गोली बरामद

Update: 2019-08-13 07:00 GMT

रांची- (भुवन )

झारखंड में हजारीबाग जिले के भदेल (सतयवा) जंगल में पुलिस बलों के साथ मुठभेड़ में बिहार का एक कुख्यात नक्सली मारा गया है. बरही के एसडीपीओ मनीष कुमार ने इसकी पुष्टि की है.

उन्होंने बताया है कि बिहार और झारखंड पुलिस की साझा कार्रवाई में लालदास मोची उर्फ मुकेश रविदास मारा गया है. नक्सली के पास से एक इंसास राइफल और लगभग सवा सौ जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. 

पुलिस अधिकारी के मुताबिक नक्सली का शव कब्जे में ले लिया गया है. अभी सर्च ऑपरेशन जारी है. साथ ही जंगलों की घेराबंदी की गई है. पुलिस का दावा है कि कुछ और नक्सलियों को गोली लगी है, लेकिन वे भागने में सफल रहे. इस बीच चार संदिग्ध नक्सलियों के गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है. साथ ही कुछ स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. 

पुलिस का कहना है कि लालदास मोची प्रदुमन शर्मा के हथियारबंद दस्ते का सक्रिय सदस्य है. वह पटना के भगवानपुर थाना क्षेत्र के दनारा का रहने वाला है. लालदास मोची के खिलाफ नक्सली और अपराध के वारदात से जुड़े 17 मामले बिहार के अलग- अलग थानों- मसौढ़ी, पालीगंज, किंजर, दुल्हिन बाजार, सुकराबाद, नौबतपुर जकनपुर और सिगोड़ी थाने में दर्ज है. 




 हजारीबाग का भेदल जंगल चौपारण थाना क्षेत्र में आता है. और यह इलाका बिहार से सटा है. पुलिस अधिकारी के मुतबिक इस इलाके में नक्सली गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद गया के अपर पुलिस अधीक्षक अरूण कुमार सिंह की अगुवाई में एसटीएफ के जवानों को सीमावर्ती इलाकों में घेराबंदी शुरू की.

इसके बाद हथियारबंद दस्ता चौपारण के भदेल (सतयवा) जंगल में घुस गया. इस सूचना पर झारखंड में सीआरपीएफ और जिला पुलिस के जवानों ने भी मोर्चा संभाला. 

दोनों राज्यों की पुलिस ने घेराबंदी की, तो मोर्चा लगाए नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में एक नक्सली मारा गया. बाद में उसकी पहचान लालदास मोची के तौर पर की गई. पुलिस के मुताबिक इस जंगल में नक्सली दस्ता के कई सदस्य द दिनों से जमे थे. 

गौरतलब है कि शुक्रवार को ही झारखंड के चाईबासा के थलकोबाज जंगल में पुलिस ने एक नक्सली को मारा है. जबकि कुछ दिनों पहले बिहार के औरंगाबाद इलाके में वहां की पुलिस ने चार नक्सलियों को मार गिराया था. 

हजारीबाग का बरही और चापरण के जंगल बिहार- झारखंड के नक्सलियों के लिए मुफीद ठिकाने रहे हैं. हथियारबंद दस्ता इधर- उधर होते रहे हैं. लिहाजा कई मौके पर दोनों राज्यों की पुलिस साझा अभियान चलाती रही है. 

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