झारखंड में कैमरे में कैद हुआ भूत!

इस जीव की अजीब हरकतें देख हम भी हैरान हुए और समझने की कोशिश की कि आखिर ये बला है क्या। नारियल खाता है, केला खाता है और निकलता है अजीब-अजीब आवाजें।

Update: 2019-07-22 11:02 GMT

जमशेदपुरः आपने कभी भूत-प्रेत-जिन्न जिन्नात देखा है। आपका जवाब होगा नहीं। लेकिन इस बात से इनकार नहीं कर सकेंगे की जिन्न और भूत-प्रेत के बारे में कभी सुना नहीं। अनदेख-अनजाने इस चीज का वजूद हजारों सालों से हमारे बीच है। लेकिन इन हजारों सालों में भूत का वजूद कभी साबित नहीं हुआ और ना ही साबित हो पाया झाड़-फूंक और डायन बिसाही का खेल। मगर इस खेल ने झारखंड सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक कईयों की जान ले ली है। रविवार यानि 21 जुलाई को गुमला में जिस तरीके से 4 लोगों की हत्या कर दी गई उसने अंधविश्वास की गहरी पैठ का बड़ा सबूत दे दिया। इसी तरह का अंधविश्वास जमशेदपुर और आस पास के जिलो में भी चल रहा है। फोटो में दिख रहा ये अजीब सा जीव जिन्न है, और उसके साथ खड़ा है उसका मालिक। मद्धिम रोशनी , बंद कमरे में अजीब सी आवाज निकालते इस जीव को पहली बार कैद किया गया है। इस जीव की अजीब हरकतें देख हम भी हैरान हुए और समझने की कोशिश की कि आखिर ये बला है क्या। नारियल खाता है, केला खाता है और निकलता है अजीब-अजीब आवाजें।

बड़ा खुलासा

झारखंड में अंधविश्वास और भूत प्रेत को लेकर किस तरीके से ग्रामीण अंचलों में कारोबार चल रहा है उसका खुलासा कर रहा है कशिश । ये तस्वीरें जमशेदपुर के चांडिल की है जहां कैमरे में अंधविश्वास फैलाने वाली वो तस्वीर कैद हुई है जिसके पंजे में पूरा कोल्हान जकड़ा है। इसे अजीबो-गरीब जीव को कुदरा भूत के तौर पर जाना जाता है। कोई कुदरा भूत को अपनी लक्ष्मी मानता है तो कोई व्यापार के रूप में इसे देख रहा है। चांडिल के बनवी गांव के अंधविश्वास के सौदागर का दावा है कि हमारे आने की खबर कुदरा भूत ने अपने मालिक को पहले ही दे दी थी। हमारे वहां पहुंचने पर भूत के मालिक ने उसकी पूजा शुरु कर दी। उसने दावा किया की ऐसा कुदरा भूत की नाराजगी दूर करने के लिए किया जा रहा है। हमें कैमरा नहीं चलाने के लिए भी अगाह किया गया। करीब आधे घंटे की पूजा के बाद सफेद कपड़े के अंदर से हलचल होने लगी। कपड़ा हटा तो अंधविश्वास का भूत बाहर निकला। फिर उसने नारियल और केला खाया।

करोड़ों में है भूत की कीमत

भूत के मालिक ने बताया की इसकी कीमत करोड़ों में होती है। भूत के प्रकार भी लोकल, नेशनल और इंटरनेशल होते हैं। इतना ही भूतों में नर और मादा की अलग-अलग कैटगरी का भी दावा किया जाता है । जानकारी अनुसार अंधविश्वास की ये बीमारी ओ़डिशा के ग्रामीण इलाकों से चलकर यहां पहुंची है। लोग बड़ी कीमत दे कर इसे खरीदते हैं। कोई अमीरी के लिए तो कोई बदला लेने के लिए इस भूत को खरीदता है। यहां पर सवाल ये खड़ा होता है की जिस भूत -प्रेत और डायन बिसाही के चक्कर में झारखंड में कई लोगों की जान जा चुकी है वहां इस तरह का धंधा कैसे फल फूल रहा है। हद तो तब हो गई जब लोग इस भूत के साथ कुश्ती लड़ने का भी दावा करते हैं। कुदरा भूत और अंधविश्वास का ये खेल कैमरे में कैद है लेकिन बड़ा सवाल ये की कोल्हान सहित झारखंड के ग्रामीण अंचलों में इस अंधविश्वास का अंत कैसे होगा । गांव के हालात और वहां की तस्वीरें देखने के बाद इस भूत की हकीकत सबके सामने हैं । प्रशासन और सरकार के साथ-साथ पढ़े लिखे लोगों को भी इस अंधविश्वास को दूर करने की कवायद करनी होगी वरना किसी दिन ये कुदरा भूत बड़ा कांड करा देगा ।

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