देवर ने मारी भाभी को गोली तो देवरानी ने कुल्हाड़ी से काट डाला, आरोपी के आतंक के आगे पुलिस भी दिखी नर्वस

लेकिन जय सिंह के खौफ के कारण गांव का कोई भी व्यक्ति ट्रेक्टर चलाने को तैयार नहीं था। तीन घंटे तक ड्राईवर न मिलने के बाद अलीपुरा से पुलिस द्वारा ड्राईवर बुलवाया गया तब कहीं जाकर लाश नौगांव ले जायी गई।

Update: 2019-02-03 05:13 GMT

लखन राजपूत 

छतरपुर जिले के अलीपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम देवथा में एक हृदय विदारक घटना ने लोगों को झकझोर दिया। देवर ने अपनी पत्नि के साथ मिलकर भाभी की हत्या कर दी। देवर ने भाभी को गोली मारी तो देवरानी ने जमीन में गिरने पर जेठानी के ऊपर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। आखिरकार महिला की तड़पकर मौत हो गई। घटना को अंजाम देकर पति-पत्नि मौके से भाग गए। घटना के पीछे की वजह घर पर कब्जा करने का विवाद बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक देवथा निवासी देवीदीन राजपूत शनिवार सुबह 9 बजे खेत में फसल को पानी दे रहा था उसकी पत्नि सरोज अपने बच्चों के साथ घर पर थी। पुस्तैनी मकान के कमरे को लेकर देवीदीन और उसके छोटे भाई जय सिंह के बीच विवाद चल रहा था। दोनों ने कमरे पर हक जताने की गरज से अपने-अपने ताले जड़ दिए थे। देवीदीन के भाई जय सिंह ने उस वक्त देवीदीन की पत्नि सरोज को 12 बोर बंदूक से पैर और सीने में गोली मार दी जब वह घर में थी। गोली लगने से जमीन पर सरोज गिर पड़ी तभी जय सिंह की पत्नि रामकली ने उस पर ताबड़तोड़ कुल्हाडिय़ां बरसा दीं जिससे सरोज राजपूत की मौके पर ही मौत हो गई। भाभी की हत्या करने के बाद आरोपी देवर पत्नि के साथ घटना स्थल से फरार हो गया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए और इसकी सूचना सरोज के पति देवीदीन को दी गई। मौके पर आए देवीदीन ने खून से लथपथ मृत अवस्था में पड़ी पत्नि के बारे में अलीपुरा पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी राजेश सिंह बघेल, एसडीओपी लालदेव सिंह मौेके पर आए और मामले से जुड़े तथ्य जुटाए। पुलिस ने जय सिंह और उसकी पत्नि के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। घटना स्थल से कुल्हाड़ी और एक कारतूस मिला है।

आरोपी का खौफ इतना कि पुलिस को नहीं मिला ट्रेक्टर ड्राईवर

जय सिंह राजपूत भले ही पुलिस की नजरों में आदतन अपराधी न हो लेकिन वह आए दिन गांव और आसपास के क्षेत्र में आतंक फैलाए रहता था। जय सिंह के आतंक के कारण लोग शिकायत करने नहीं जाते थे। शनिवार को जय सिंह द्वारा भाभी की हत्या कर दी गई। लाश को ट्रेक्टर में रखकर नौगांव ले जाना था लेकिन जय सिंह के खौफ के कारण गांव का कोई भी व्यक्ति ट्रेक्टर चलाने को तैयार नहीं था। तीन घंटे तक ड्राईवर न मिलने के बाद अलीपुरा से पुलिस द्वारा ड्राईवर बुलवाया गया तब कहीं जाकर लाश नौगांव ले जायी गई।

5 माह पहले मृतिका के पति ने दिया था आवेदन, निष्क्रिय दिखी पुलिस

देवीदीन राजपूत अपने भाई के खौफ से 12 साल तक अपनी ससुराल रबड़ी टोला में रहता था। हाल ही में वह गांव में रहने लगा था। मृतिका सरोज राजपूत के पति देवीदीन ने 6 अक्टूबर 18 को थाने में लिखित आवेदन दिया था जिसमें उसने आशंका जताई थी कि उसका भाई उसके परिवार के ऊपर कभी भी हमला कर सकता है। मकान के विवाद को लेकर उसका भाई खून का प्यासा बना है। सवाल यह है कि जब थाने में 5 माह पहले लिखित शिकायत दी गई थी तो फिर पुलिस द्वारा कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया। यदि पुलिस ने उस समय कोई ठोस कार्यवाही की होती तो शायद इस हत्या को टाला जा सकता था।

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