बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो करना पड़ेगा आपको ये काम,

Update: 2019-12-15 11:17 GMT

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में बंदूकों के सबसे अधिक लाइसेंस हैं। यहां आम तौर पर बंदूक निकाल लेना सामान्य माना जाता है। चंबल की मिट्टी में ऐसा असर है और चंबल इलाके में बंदूक रखना शान की बात मानी जाती है. लेकिन बंदूक रखने के लिए प्रशासन से लाइसेंस की जरूरत पड़ती है. मगर इन दिनों ग्वालियर में बंदूक की लाइसेंस लेने के लिए प्रशासन ने और अजीब 'शर्त' रख दी है. जी हां, जिले में बंदूक का लाइसेंस लेने के इच्छुक लोगों के लिए जिला कलेक्टर (Collector) ने शर्त रखी है कि लाइसेंस चाहने वालों को ग्वालियर की सरकारी गौशाला के लिए 10 कंबल देने होंगे. कलेक्टर अनुराग चौधरी ने शनिवार को ग्वालियर की लाल टिपारा और गोला का मंदिर स्थित गौशाला का निरीक्षण किया. इसी दौरान उन्होंने यह बात कही.

लाल टिपारा और गोला का मंदिर स्थित गौशालाओं के निरीक्षण के बाद कलेक्टर अनुराग चौधरी ने यह अजीब शर्त रखी. उन्होंने इसकी वजह भी स्पष्ट की. कलेक्टर अनुराग चौधरी ने बताया कि गौशाला में गायों को ठंड से बचाने के लिए यह तय किया गया है कि यदि किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो उसे गौशाला को 10 कंबल देने होंगे. संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस संबंधी निर्देश दे दिए गए हैं।

बता दें, गोला का मंदिर स्थित गौशाला में पिछले हफ्ते ठंड से छह गायों की मौत हुई थी. इसके बाद कलेक्टर चौधरी ने वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करके रेड क्रॉस की ओर से तीन लाख रुपए की धनराशि गौशाला को दी थी. इस समय ग्वालियर में नगर निगम की दो गौशालाएं, गोला का मंदिर और लाल टिपारा में हैं और इनमें करीब 8,000 गायें हैं.

पौधे लगाने की भी रखी थी शर्त

आपको बता दें कि बंदूक की लाइसेंस लेने के लिए कलेक्टर अनुराग चौधरी का अजीबो-गरीब आदेश पहली बार नहीं आया है. छह महीने पहले भी उन्होंने इसी तरह का एक आदेश दिया था. उस समय कलेक्टर की ओर से आदेश दिया गया था कि जिले में बंदूक का लाइसेंस चाहने वालों को 10 पौधे लगाने होंगे और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने के साथ पौधों के फोटो आवेदन के साथ देने होंगे. कलेक्टर ने इस अवधि में बंदूकों के करीब 147 लाइसेंस जारी किए और इस दौरान करीब 1700 पौधे भी लगाए गए। 

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