हाईकोर्ट ने पूछा- फर्जी न्यूज वेबसाइट्स के खिलाफ क्यों नहीं की कार्रवाई

लेकिन दो साल बाद भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

Update: 2020-02-17 05:04 GMT

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी तरीके से संचालित की जा रही न्यूज वेबसाइट्स संचालन के मामले पर कार्रवाई न किए जाने का आरोप गंभीरता से लिया। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की सिंगल बेंच ने जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला व कमिश्नर पी नरहरि से पूछा कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर कोर्ट के निर्देश के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की गई? दोनों अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।

भोपाल के विनोद मिश्रा ने याचिका दायर कर कहा कि प्रदेश में कई वर्षों से फर्जी न्यूज वेबसाइट्स को विज्ञापन बांटने का सिलसिला जारी है। उन्होंने 7 फरवरी 2017 को जनसंपर्क विभाग को शिकायत की थी कि कई वेबसाइट संचालक फर्जी तरीके से गूगल एनालिसिस रिपोर्ट व फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी विज्ञापन प्राप्त कर रहे थे। लेकिन दो साल बाद भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस पर हाईकोर्ट ने 27 अगस्त 2019 को उनकी याचिका निराकृत करते हुए जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को अभ्यावेदन पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। अधिवक्ता मानसमणि वर्मा ने कोर्ट को बताया कि इस आदेश की प्रति के साथ उक्त दोनो अधिकारियों को अभ्यावेदन दिया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस पर अवमानना याचिका पेश की गई। उन्होंने तर्क दिया कि इन फर्जी वेबसाइट्स के जरिए विज्ञापन से सरकार को तगड़ी चपत लगाई जा रही है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदक बनाए गए अधिकारियों को नोटिस जारी किए।

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