देखते ही देखते 15 लाशें, रोटियां और रेल की पटरियों पर बिखरा पड़ा था सामान

खबरों के मुताबिक, ये लोग जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। दोनों के आपस की दूरी कुल 60 किलोमीटर है।

Update: 2020-05-08 03:44 GMT

मुंबई

महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर की रेल लाइन। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच यहां भी शांति ही रहती है, लेकिन शुक्रवार सुबह हलचल थी। पटरी के आसपास खड़े लोग और हाथों में मोबाइल। ये लोग उस खौफनाक मंजर को शूट कर रहे थे जो सुबह-सुबह यहां घटा था। रेल की इस पटरी पर 15 मजदूरों के शव कटे पड़े थे जो बेचारे अपने घर जाने के लिए निकले थे लेकिन अब कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुंच जाएंगे। रेल की पटरी पर बिखरी रोटियां और सामान यह बताता है कि वे लोग रास्ते में भूख से न मर जाएं इसकी तो तैयारी करके निकले थे लेकिन उस रात उनके साथ क्या होनेवाला है यह नहीं जानते थे।

पटरी पर सोए और उठे ही नहीं

मिली जानकारी के मुताबिक, ये 18 मजदूर महाराष्ट्र की एक स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन की वजह से काम बंद था। इन्होंने सोचा होगा ऐसे में घर ही चले जाएं। लॉकडाउन में यातायात के साधन बंद हैं और इन्हें औरंगाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचना था। ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं, मध्य प्रदेश के लिए औरंगाबाद से ट्रेन चल रही थी। इसलिए पटरी-पटरी स्टेशन के लिए निकल पड़े। खबरों के मुताबिक, ये लोग जालना से औरंगाबाद पैदल जा रहे थे। दोनों के आपस की दूरी कुल 60 किलोमीटर है।

सोचा होगा....ट्रेन नहीं आएगी

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच ट्रेनें नहीं चल रही। हो सकता पैदल चलते वक्त इन लोगों को कोई ट्रेन मिली भी न हो। ऐसे में रात में थककर इन्होंने पटरी पर ही बिस्तर लगा लिया। यही इनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई। सुबह-सुबह वहां से एक ट्रेन (माल गाड़ी) गुजरी और इन्हें मौत की नींद सुला गई।

पटरी पर बिखरी थीं रोटियां, सामान और लाश

पटरी के पास का सुबह का मंजर डरानेवाला था। पटरी पर हर तरफ लाशें पड़ी थीं। पटरी पर ही इन लोगों का सामान और रोटियां बिखरी थीं जो ये लोग सफर के लिए लाए होंगे। आसपास के लोग दूर से ही वीडियोज बना रहे थे। इतने भयानक मंजर के पास जाने की कोई हिम्मत नहीं कर पाया।

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