अजित पवार को फिर से क्यों बनाया डिप्टी सीएम, संजय राउत ने बताई वजह

अजित पवार की ताजपोशी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि ये फैसला पवार साहब का है. शरद पवार महाराष्ट्र और देश के सबसे अनुभवी नेता हैं, आप उन पर संदेह नहीं कर सकते.

Update: 2019-12-30 13:34 GMT

महाराष्ट्र में कुछ दिन पहले पार्टी नेतृत्व से बगावत करने वाले अजित पवार एक बार फिर से राज्य के डिप्टी सीएम बन गए हैं. पहले वो देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम बने इस बार उद्धव ठाकरे के साथ ही वे डिप्टी सीएम ही बने. अजित पवार की ताजपोशी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि ये फैसला पवार साहब का है. शरद पवार महाराष्ट्र और देश के सबसे अनुभवी नेता हैं, आप उन पर संदेह नहीं कर सकते. उनके फैसले हमेशा सही होते हैं.

उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल के आज पहले विस्तार के बाद शिवसेना के कई नेता नाखुश बताए जा रहे हैं. ये नेता मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे थे. शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने इस घटनाक्रम पर कहा है कि "कुछ लोग खुश होंगे और कुछ नाखुश. हमारे लिए अहम ये है कि मुख्यमंत्री हमारे हैं."

पवार के फैसले पर संदेह नहीं

मंत्रिमंडल विस्तार में एनसीपी नेता अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है. उनके बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा, "अजित पवार को क्या पद मिलना है, ये फैसला शरद पवार ने किया. एनसीपी पार्टी में शरद पवार ही तय करते हैं कि किसे क्या पद मिलेगा. शरद पवार महाराष्ट्र और देश के सबसे अनुभवी नेता हैं, आप उन पर संदेह नहीं कर सकते. उनके फैसले हमेशा सही होते हैं. अजित पवार दो दिन के लिए बीजेपी के साथ भी रहे. अब वो (बीजेपी नेता) अजीत पवार पर सवाल क्यों उठा रहे हैं?"

मजबूत रिंग मास्टर हैं उद्धव

मंत्रिमंडल विस्तार पर संजय राउत ने कहा, "कुछ लोग नाखुश होंगे. हर पार्टी का एक कोटा है और उसी के हिसाब से हम सब को सामंजस्य बिठाना है. हमें निर्दलीयों को भी एडजस्ट करना है. मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरे भी शमिल हैं. ये कैबिनेट काफी अनुभवी होने के साथ ही बहुत ऊर्जावान है. आदित्य ठाकरे मंत्री हैं. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं. ये सेना के लिए बड़ा दिन है और महाराष्ट्र की राजनीति के इतिहास में ऐसी चीजें पहले कभी नहीं हुई है. तीन पार्टियों को साथ लेकर चलना सर्कस के जैसा है लेकिन हमारे रिंग मास्टर यानि उद्धव ठाकरे बहुत मजबूत हैं. हमारे पास शरद पवार का समर्थन और दिशा निर्देशन है. ये सरकार पांच साल चलेगी, विपक्ष और रामदास अठावले क्या कहते हैं, उस पर सोचने के लिए हमारे पास वक्त नहीं है."  

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