महाराष्ट्र सरकार ने की कॉस्ट कटिंग: एक साल तक कोई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट नहीं, न ही कोई नई नौकरी

महाराष्ट्र ऐसा राज्य है, जिसका बजट साइज उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ा है.

Update: 2020-05-05 02:51 GMT

देश में कोरोनावायरस ने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र को हिट किया है. महामारी के कारण महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आई है. इस बीच सोमवार को महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया कि अगले साल मार्च तक राज्य में कोई भी विकास का नया काम शुरू नहीं होगा. सरकार ने सभी नए प्रोजेक्ट्स को फ्रीज कर दिया है. महाराष्ट्र ऐसा राज्य है, जिसका बजट साइज उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ा है.

महाराष्ट्र सरकार वित्त वर्ष में विकास योजनाओं पर होने वाले खर्च में 67 प्रतिशत की कटौती करेगी. सरकार के अधिकारियों का कहना है कि 1960 में राज्य के गठन के बाद से यह अब तक सबसे बड़ी कटौती होगी.

 स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र में 12,974 कोरोनावायरस के मामले दर्ज हैं, जो कि देश के टोटल मामलों का 30 प्रतिशत है. राज्य में 548 लोग महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और यह करीब देश में हुई सभी मौतों का 40 प्रतिशत है.

दो महीनें पहले शिवसेना-नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)-कांग्रेस गठबंधन वाली महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4.34 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था, जो कि 2019-20 के लिए संशोधित अनुमान से 4.1 प्रतिशत ज्यादा था. इस साल कैपिटल आउटले 45,124 करोड़ रुपये था, जो कि 2019-20 में 2.6 प्रतिशत कम था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी का मुकाबला करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और वस्तुओं की खरीद पर रोक लगाते हुए, राज्य सरकार ने विभागों को नई खरीद और नए विकास कार्यों के लिए टेंडर्स को वापस लेने का आदेश दिया है. इसके अलावा प्रकोप के दौरान प्रशासन में कंटिन्यूटी सुनिश्चित करने के लिए सभी डिपार्टमेंटल टांसफर्स पर भी रोक लगा दी गई है.

इस साल आर्थिक स्थिति में गिरावट और अपने स्वयं के राजस्व में तेज गिरावट के बाद राज्य सरकार ने कोविड-19 नियंत्रण उपायों के लिए होने वाले ऑपरेशनल खर्च को छोड़कर सभी नए कार्यों पर रोक लगाई है. जब तक कि यह समय दूर नहीं होती तब तक केवल पांच विभाग- पब्लिक हेल्थ, मेडिकल एजुकेशन, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, फूड एंड सिविल सप्लाई और रिलीफ एंड रिहेबिलिटेशन को नए खर्च की अनुमति है. हालांकि इन विभागों को आदेश दिया गया है कि खर्च केवल उसी मकसद से किया जाए, जिससे महामारी से निपटने में मदद मिल सके.

इसके अलावा सभी विभाग के सचिवों को सारी चालू योजनाओं की समीक्षा करने को कहा गया है. जिन योजनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, उन्हें प्राथमिकता देने को कहा गया है. कुछ योजनाएं रहेंगी और जिन्हें अभी के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है उन्हें कैंसिल किया जाएगा. इतना ही नहीं मार्च 2021 तक कोई नई भर्ती भी नहीं होगी.

Tags:    

Similar News