रेलवे ने लातूर नगर निगम को पकड़ाया 9 करोड़ का बिल, नगर आयुक्त के उड़े होश

Update: 2019-09-05 11:44 GMT

आधिकारिक तौर पर जब तक बिल का भुगतान नही होता तब तक वो पिछा नही छोड़ता भले ही आप की कोई पीढ़ी आ जाये। ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के लातूर नगर पालिका के साने आया है। जब तीन साल पहले ट्रेन से पानी सप्लाई करने के एवज में मध्य रेलवे ने लातूर नगर पालिका को 9 करोड़ रुपए का बिल भेजा है।हालांकि इससे पहले 2016 में रेलवे ने नगर पालिका को 4 करोड़ रुपए का बिल भेजा था। इस बिल को तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने माफ कर दिया था।

बतादे कि अधिकतर गर्मीयों के मौसम में महाराष्ट्र में कई जिले सुखे की चपेट में आ जाते है। साल 2016 में सूखा की चपेट में आए लातूर में ट्रेन से पानी सप्लाई की गई थी। 2016 में अप्रैल से अगस्त तक रेलवे ने जल ट्रेन 'जलदूत' के माध्यम से लातूर शहर को पीने का पानी उपलब्ध कराया था। यह पानी सांगली जिले से लाकर यहां सप्लाई किया गया था। लातूर के नगर आयुक्त देवेंद्र सिंह ने कहा, "हमें सीधे बिल नहीं मिला है। जिला कलेक्ट्रेट द्वारा इसे प्राप्त किया गया। उनकी ओर से हमें सूचित किया गया है।"

नगर आयुक्त ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को सूचित किया है कि वे इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा,"हमने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर गौर करने का आग्रह किया। इसके भुगतान करने से लेकर, छूट तक के मामले पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है।" वहीं, दूसरी तरफ मध्य सेंट्रल रेलवे के सोलापुर डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि पानी सप्लाई का बिल भेजा जाना एक एक रूटीन प्रक्रिया है। बिल माफ करने या उसमें छूट देने से संबंधित अंतिम निर्णय रेल मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा।


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