हिंदी मीडियम से UPSC की परीक्षा में 18 रैंक लाकर रवि कुमार सिहाग ने रचा इतिहास
रवि इसके पहले साल 2018 और 2019 मे भी पास कर चुके हैं इस परीक्षा को;
कहते हैं ना कि निरंतर प्रयासो से ही सफलता मिलती है,कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया है राजस्थान के रहने वाले रवि कुमार सिहाग ने, जिन्होंने न केवल हिंदी मीडियम के पुराने गौरव को वापस लौटाया बल्कि UPSC की परीक्षा में 18 वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया।
कुछ सालों से देखने को मिल रहा है कि हिंदी मीडियम से upsc मे सफलता की दर बहुत ही कम है, ऐसे समय में रवि का अंडर 20 मे जगह बनाना किसी अजूबे से कम नहीं है। रवि इतने होनहार हैं कि आईएएस की परीक्षा को वो 3 बार निकाल चुके हैं।
आइए जानते हैं इनके बारे में
रवि का पूरा नाम,रवि कुमार सिहाग है,इनका जन्म 2 नवम्बर 1995 को चक 3 BAM श्री गंगानगर,राजस्थान मे हुआ।
इनके पिता किसान है, चार भाई बहनों में सबसे छोटे रवि को पढ़ाने में पिता ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, जिसका परिणाम आज सबके सामने है।
तीन बार क्रैक कर चुके हैं यूपीएससी की इस परीक्षा को
रवि ने देश की इस सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा को तीन बार क्रैक किए हैं।
सबसे पहले 2018 मे सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपस्थित हुए। उन्हें AIR 337 मिला और उन्हें भारतीय रेलवे यातायात सेवा के लिए चुना गया। लेकिन उन्होंने 2019 में फिर से परीक्षा में बैठने का फैसला किया। वह AIR 317 प्राप्त करने में सफल रहे और उस वर्ष हिंदी माध्यम में दूसरे रैंक धारक भी थे। आखिरकार, उन्हें भारतीय रक्षा खाता सेवाओं के लिए चुना गया और वे पुणे, महाराष्ट्र में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में अपना प्रशिक्षण पूरा कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि एक प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी हासिल करने के बावजूद उन्होंने परीक्षा देना क्यों जारी रखा, उन्होंने कहा, " मैं आईएएस को लक्ष्य बना के चला था। रैंक अच्छी आ रही थी पर मेरा सपना पूरा नहीं हो रहा था। अब 18 रैंक के साथ मैं अपना गोल पूरा कर पाऊंगा। मैंने एक आईएएस अधिकारी बनने के लक्ष्य के साथ तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि मैं अच्छे रैंक प्राप्त करने में सक्षम था जिससे मुझे सरकारी सेवाओं में आने का मौका मिला, मैं संतुष्ट नहीं था। AIR 18 के साथ, मैं अंततः अपने सपने को पूरा करूंगा, l
निश्चित रूप से उनकी यह सफलता उन लाखों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है जो हिंदी मीडियम से upsc की परीक्षा देते हैं।