सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले में सुनाया फैसला , आपराधिक प्रवृति के नेताओं की बल्ले बल्ले
CJI Misra who delivered the judgment says this country is tired of being ruled by money and muscle power. Criminalisation should be kept at bay and is not a malignancy that is incurable. Parliament should swing into action;
सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले में एक फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि व्यवस्था भ्रष्टाचार का शिकार न बने न ही राजनीति का अपराधीकरण हो.
इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर काफी समय से फैसला सुरक्षित था जिसे सुनाये जाने की उम्मीद थी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्र ने इस पर फैसला अपने रिटायरमेंट से पहले दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक़ कोर्ट ने संसद पर कानून बनाने की जिम्मेदारी छोड़ी. इसके साथ ही कोर्ट ने पारदर्शिता के लिए निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- व्यवस्था भ्रष्टाचार का शिकार न बने, राजनीति का अपराधीकरण खतरनाक.
न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि अपराधिक प्रवृति के लोग चुनाव लड़ सकते है लेकिन उन्हें अपने अपराधों का व्यौरा देना होगा. कोर्ट ने यह भी कहा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के लिए सिर्फ चार्जशीट काफी नहीं किंतु उन्हें अपने उपर दायर केसों का खुलासा करना ही पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि आरोप तय होने के बाद भी चुनाव लड़ सकते है.
इस फैसले से जहाँ आमजन को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट एक बड़ा फैसला सुना सकता है वो अब धूमिल हो गई है. राजनीत का अपराधीकरण रोकने के लिए अगर सांसद और विधायक कानून पास करें ऐसा होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. रही भ्रष्टाचार रोकने की तो जब कोर्ट के फैसलों पर यह लोग आगे नहीं बढ़ते है तो ये खुद क्या सख्त कानून पास करेंगें.