लोकसभा में आज 'तीन तलाक' बिल पर चर्चा, बीजेपी ने सांसदों को जारी किया विप

बीजेपी ने अपने सांसदों को इसके लिए विप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है।

Update: 2019-07-25 05:57 GMT

नई दिल्ली : लोकसभा में आज तीन तलाक बिल पर चर्चा के बाद उसे पारित किए जाने की संभावना है। इस बीच संकेत मिल रहे हैं कि विधेयक को पास कराने के लिए संसद के मौजूदा सत्र की मियाद को बढ़ाया जा सकता है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने सांसदों को इसके लिए विप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है।

विधेयक में एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक दिए जाने (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध करार दिया गया है और साथ ही दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद संसद के इस पहले सत्र में सबसे पहले विधेयक का मसौदा पेश किया था। कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है, लेकिन सरकार का यह कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है।

तीन तलाक बिल पर विपक्ष की यह आपत्ति

तीन तलाक बिल में क्रिमिनैलिटी क्लॉज विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। इसी के चलते यह बिल पिछली बार राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था। विपक्षी दल बिल को हिंदू और ईसाई विवाह कानून में तलाक से जुड़े कानून की बराबरी में लाने के लिए इस क्लॉज को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। 

बढ़ सकता है संसद का सत्र

फिलहाल बीजेपी सांसदों से इसके संकेत मिल रहे हैं कि संसद का मौजूदा सत्र 2 अगस्त तक बढ़ सकता है। इसका मतलब यह है कि दूसरे विधेयकों के साथ सरकार तीन तलाक बिल को भी पास कराने की कोशिश कर सकती है। राज्यसभा में नए सदस्यों के आने से वहां भी बहुमत की तरफ कदम बढ़ाते सत्ता पक्ष की तरफ से बिल को दिया जा रहा बढ़ावा नया आयाम ले सकता है। संसद के पिछले सत्र में तीन तलाक बिल के राज्यसभा में फंसने के बाद सरकार ने इसको लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। ऐसे में सरकार के लिए इसे संसद के मौजूदा सत्र में पास कराना जरूरी हो गया था।

तीन तलाक बिल पास कराने पर जोर

मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार बनी एनडीए सरकार ने अपना मंसूबा तभी साफ कर दिया था, जब उसने लोकसभा के पहले सेशन की एकदम शुरुआत में विपक्षी दलों के विरोध के बीच तीन तलाक बिल पेश किया था। संसद सदस्यों के बीच बड़ी उत्सुकता है कि क्या सत्ता पक्ष तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर में निवास से जुड़े आर्टिकल 35A के विवादास्पद मुद्दे पर भी चर्चा शुरू करा सकता है।

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