बचपन की दोस्त से शादी करने के लिए 33 वर्षीय धर्म गुरु ने त्यागा संन्यासी जीवन, पढ़ें- ये प्रेम कहानी!
जब प्रेम परवान चढ़ता है, तो प्रेमी सभी बंधनों को तोड़ देते हैं। उनको दुनिया की भी कोई परवाह नहीं होती है। ऐसी ही कहानी तिब्बती लामा 33 वर्षीय थाये दोरजे की है। उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त से शादी करने के लिए भिक्षु का पद त्याग दिया और संन्यास छोड़कर गृहस्थ जीवन शुरू कर दिया। थाये दोरजे ने 25 मार्च को एक निजी समारोह में अपनी बचपन की दोस्त 36 वर्षीय रिंचेन यैंगजोम से शादी कर ली। भूटान में जन्मीं रिंचेन की शिक्षा-दीक्षा भारत और यूरोप में हुई। बृहस्पतिवार को दोरजे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई।
उनकी पत्नी रिनचेन यांगजोम का जन्म भूटान में हुआ था, लेकिन उनकी पढ़ाई भारत और विदेशों में हुई है। जबकि थाए दोरजे का जन्म तिब्बत में हुआ था, उनके पिता भी लामा परंपरा में अहम स्थान रखते हैं, जबकि उनकी मां तिब्बती राजघरानों से आती हैं।
अपने बयान में उन्होंने कहा, ' मुझे पक्का विश्वास है, ये मेरे दिल की आवाज है कि शादी करने का मेरे फैसले का सिर्फ मेरे ऊपर ही नहीं बल्कि बौद्ध परंपरा पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा, इससे हमसभी लोगों के लिए कुछ सुंदर, कुछ लाभप्रद होगा।' उनके दफ़्तर से जारी बयान के मुताबिक थाए दोरजी शादी के बावजूद करमापा के रोल को निभाते रहेंगे, और वे दुनिया भर के अपने छात्रों को शिक्षा और आशीर्वाद देते रहेंगे।
थाए दोरजे की आधिकारिक जीवनी के मुताबिक जब वो डेढ़ साल के ही थे तो उन्होंने लोगों को कहना शुरू कर दिया था कि वे करमापा हैं। तिब्बती परंपरा के मुताबिक बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग एक ऐसे बच्चे को करमापा लामा का अवतार घोषित करते हैं जो करमापा के जैसा भाव और व्यवहार दिखाता है।