राष्ट्रगान में बदलाव के लिए सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को लिखा खत

Update: 2015-12-22 06:40 GMT



नई दिल्ली : नेशनल हेराल्‍ड केस में सोनिया व राहुल गांधी की आंख की किरकिरी बने भाजपा नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी अब नया बखेड़ा खड़ा करने को तैयार हैं। खबर है कि स्‍वामी ने राष्‍ट्रगान में बदलाव के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा है।

स्‍वामी ने यह खत मोदी को बीते 30 नवंबर को लिखा था। इस खत को उन्होंने सोमवार को ट्विटर पर शेयर भी किया। खत में लिखा है कि जन गण मन राष्‍ट्रगान को संविधान सभा में सदन का मत मानकर स्‍वीकार कर लिया गया था। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के आखिरी दिन अध्‍यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बिना वोटिंग के ही जन गण मन को राष्‍ट्रगान स्‍वीकार कर लिया था। हालांकि उन्‍होंने माना था कि भविष्‍य में संसद इसके शब्‍दों में बदलाव कर सकती है।





स्‍वामी ने खत में लिखा है कि उस वक्‍त राष्‍ट्रगान पर भले आम सहमति हो। लेकिन कई सदस्‍यों का मानना था कि इस पर बहस होनी जरूरी है। इसके पीछे वजह भी थी। दरअसल राष्‍ट्रगान 1912 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में ब्रिटिश राजा के स्‍वागत में गाया गया था। डॉ राजेन्‍द्र प्रसाद ने सदस्‍यों की भावना को समझते हुए यह काम भविष्‍य की संसद पर छोड़ दिया था।

स्‍वामी ने लिखा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राष्‍ट्रगान के ज्‍यादातर शब्‍दों को जस का तस रखा था। सिर्फ ब्रिटिश राजा की तारीफ में गाए गए शब्‍दों को हटाया गया था।

उन्‍होंने मोदी को खत में लिखा कि बोस के राष्‍ट्रगान वाले संस्‍करण में 95 फीसदी शब्‍द वैसे ही हैं। उन्‍होंने महज पांच प फीसदी शब्‍दों में बदलाव किया था। अगर उसी राष्‍ट्रगान को अहमियत दी जाए तो यह नेताजी और स्‍वतंत्रता सेनानियों को सच्‍ची श्रद्धांजलि होगी।

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