लालू प्रसाद को 30 अगस्त तक करना होगा सरेंडर

जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लालू यादव की ओर से पक्ष रखा और मेडिकल ग्राउंड पर चार महीने जमानत अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया.

Update: 2018-08-24 08:35 GMT

नई दिल्ली :

.बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही 30 अगस्त तक सीबीआई कोर्ट में सरेंडर करने आदेश दिया है. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लालू यादव की ओर से पक्ष रखा और मेडिकल ग्राउंड पर चार महीने जमानत अवधि को बढ़ाने का आग्रह किया. जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया.

अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद कई बीमारियों से ग्रस्त हैं. अभी उनका एक ऑपरेशन हुआ है, जिससे वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं. इसलिए उनकी औपबंधिक जमानत की अवधि बढ़ाई जाए. सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने कोर्ट को जानकारी दी कि लालू प्रसाद की सेहत में लगातार सुधार हो रहा  है. अब उन्हें किसी भी स्पेशल ट्रीटमेंट की कोई आवश्यकता नहीं है. इसलिए उनकी औपबंधिक जमानत याचिका खारिज कर दिया जाए. सीबीआई के वकील ने कहा कि लालू प्रसाद औपबंधिक जमानत का गलत उपयोग कर रहे हैं. वह इलाज के दौरान अपने घर भी चले जाते हैं.

इससे पहले 17 अगस्त को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद की जमानत की अवधि को 27 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था. सुनवाई को दौरान आरजेडी सुप्रीमो के अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि वे पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं, इसलिए उनकी जमानत की अवधि को 3 माह के लिए बढ़ा दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने 20 से 27 अगस्त तक मात्र सात दिन के लिए अवधि बढ़ाई.

इससे पहले हाईकोर्ट ने उनकी जमानत की अवधि को 6 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया था. ये अवधि 15 अगस्त को खत्म हो गई थी. 6 हफ्ते की बेल मिलने के बाद वे 16 मई को रांची से पटना गए थे.

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