सिद्धू को लेकर लिखी बीजेपी ने राज्यपाल को चिट्ठी,

पंजाब सरकार में मत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट में हुए बदलाव के एक महीने बाद भी ऊर्जा मंत्रालय का कामकाज नहीं संभाला है. अब यह मामला विपक्षी दलों के लिए एक मुद्दा बनता जा रहा है.

Update: 2019-07-09 04:29 GMT

कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट में हुए बदलाव के एक महीने बाद भी ऊर्जा मंत्रालय का कामकाज नहीं संभाला है. अब यह मामला विपक्षी दलों के लिए एक मुद्दा बनता जा रहा है. इसी को लेकर बीजेपी महासचिव तरुण चुघ ने पंजाब के राज्यपाल को पत्र लिखा है और कहा है कि राज्य में आज संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है.

तरुण चुघ ने बताया, 'मैंने पंजाब के राज्यपाल को एक पत्र लिखा है. राज्य में आज संवैधानिक संकट खड़ा हो गया है. शपथ लेने के बाद एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है और एक मंत्री अभी तक अपने कार्यालय से अनुपस्थित हैं. वे सैलरी उठा रहे हैं और सारी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं.

चुघ ने आगे कहा, 'सिद्धू गायब हैं. उनके और मुख्यमंत्री के बीच झगड़े के कारण संवैधानिक संकट आ पड़ा है. मैं राज्यपाल से निवेदन करता हूं कि वे पंजाब के हित में फैसला लें. अगर मंत्री काम नहीं करना चाहते तो किसी अन्य को विभाग की जिम्मेदारी दे देनी चाहिए. वे सैलरी उठा रहे हैं लेकिन काम नहीं कर रहे. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.'

पिछले महीने 6 जून को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से शहरी निकाय के साथ पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले विभाग वापस ले लिए थे और उन्हें ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार सौंपा था. अमरिंदर ने इसके लिए सिद्धू के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया था.

सिद्धू को ठहराया था जिम्मेदार

पंजाब में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 2019 में जिन 5 लोकसभा सीटों पर हार मिली है उसे लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू के शहरी निकाय मंत्रालय के खराब कामकाज को जिम्मेदार ठहराया था. जबकि इस बारे में सिद्धू का कहना है कि जिन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है उसकी जिम्‍मेदारी सामूहिक है. सिद्धू ने कहा था कि हार के लिए पंजाब में पूरी पार्टी जिम्मेदार है. सिर्फ उन्हें ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जाए.



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