पंजाब: अकाली दल में बडी उठापटक, सांसद-विधायक पिता-पुत्र ने की बगावत से मची खलबली

पंजाब में अकाली दल में बड़ी उठापठक मची हुई है.

Update: 2020-01-04 03:43 GMT

पंजाब में अकाली दल में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले अकाली दल के राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढिंढ्सा ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत की और अब एक दूसरे नेता ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। लहरगागा से एमएलए और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढिंढ्सा ने भी बीते शुक्रवार (03-01-2019) को पंजाब विधानसभा में अकाली दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। खबर है कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है।

यहां आपको बता दें कि सुखदेव सिंह ढिंढ्सा, परमिंदर सिंह ढिंढ्सा के पिता हैं। हाल ही में परमिंदर सिंह और उनके पिता सुखदेव सिंह ढिंढ्सा, सुखबीर सिंह बादल के तीसरी बार अध्यक्ष बने जाने के बाद आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने नहीं गए थे। उसी समय से यह माना जा रहा था कि परमिंदर सिंह भी पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। अभी इस घटना को एक महीने नहीं हुए हैं और परमिंदर सिंह ने अब अपना इस्तीफा सौंप दिया है। परमिंदर सिंह के इस्तीफा देने के बाद अब पूर्व कैबिनेट मंत्री शरणजीत सिंह ढिल्लन को विधानसभा में पार्टी का नया नेता नियुक्त किया गया है।

हालांकि अपने इस्तीफे को लेकर परमिंदर सिंह ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। वहीं उनके पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि मैं इसका स्वागत करता हूं। गंभीर बात यह है कि इस इस्तीफे पर पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई और इसे मंजूर कर लिया गया। यह एक तरह की तानाशाही है जिसके खिलाफ हम विरोध करते रहे हैं।

शिरोमणि अकाली दल में यह पहला मौका नहीं है जब पार्टी नेतृत्व पर पार्टी के अंदरखाने ही सवाल उठे हैं। ढिंढ्सा के अलावा रंजीत सिंह ब्रहमपुरा, सेवा सिंह सेखवान और रतन सिंह अंजला भी पार्टी नेतृत्व पर तानाशाही का आरोप लगा चुके हैं। इन तीनों ने सुखदेव सिंह ढिंढ्सा के साथ मिलकर एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई है जिसका नाम इ्न्होंने शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) दिया है। इन नेताओं ने पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाया है।

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