Coronavirus: "केंद्र के भेदभाव के खिलाफ 1 मई को घर पर फहराएं तिरंगा", पंजाब सरकार की अपील

आरोप है कि संकट से निपटने के लिए पंजाब को केंद्र से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है.”?

Update: 2020-04-29 03:33 GMT

पंजाब की कांग्रेस सरकार ने कोरोनावायरस महामारी को लेकर केंद्र पर गैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगया है. कांग्रेस ने राज्य के लोगों से कहा है कि इसका विरोध करने के लिए वो एक मई को अपने घरों में ही तिरंगा झंडा फहराएं. 

राज्य की कांग्रेस सरकार ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग के लिए केंद्र सरकार से 20 हजार करोड़ रुपये की तत्काल राहत की मांग की है. दरअसल, मंगलवार को पार्टी विधायकों के साथ एक वीडियो काफ्रेंस के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इसे लेकर एक प्रस्ताव रखा था, जिसका मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने समर्थन किया.

'हर महीने 3360 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान'

सीएम अमरिंदर ने कहा, "राज्य को इस महामारी के कारण हर महीने 3360 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इस संक्रमण से निपटने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण यह घाटा एक साल में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का हो जाएगा. इस संकट से निपटने के लिए राज्य को केंद्र से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है."

सुनील जाखड़ ने कहा कि यह संयोग ही है कि मजूदर दिवस के दिन इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अप्रत्याशित संकट के दौर में यह कार्यक्रम केंद्रीय सहायता में पंजाब के अधिकार को रेखांकित करेगा.

'भेदभाव नहीं कर सकती केंद्र सरकार'

उन्होंने कहा कि 'पंजाब भारत का अभिन्न अंग है और केंद्र सरकार हमारे खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती है. यह कार्यक्रम किसानों, श्रमिकों और सभी कोरोना योद्धाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करेगा, जो इस संकट की घड़ी में सबसे आगे खड़े हैं.'

उन्होंने आरोप लगाया कि हमेशा स्वदेशी राग अलापने वाली भाजपा की केंद्र सरकार कोरोना संकट के वक्त गरीबों और मध्यम वर्ग को कोई मदद देने की बजाए बड़ी कंपनियों में व्यापारिक समझौते करवाने में व्यस्त है. जियो और फेसबुक में करवाया गया समझौता छोटे व्यापारियों और लघु उद्योगों की तबाही का रास्ता तैयार करेगा.

आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह हैं ठप

कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए पंजाब में एक महीने से अधिक समय से लागू कर्फ्यू के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं, और इसके कारण राज्य को लॉकडाउन के प्रथम दिन से ही प्रतिदिन जीडीपी के लगभग 1200-1700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

यह बात राज्य टास्क फोर्स की रपट में कही गई है. 'एक्जिट स्ट्रैटजी फॉर कोविड-19 लॉकडाउन रेस्ट्रिक्शंस' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी में प्रमुख योगदान करने वाले विनिर्माण, कृषि, निवेश और व्यापार पर न सिर्फ लॉकडाउन की अवधि के दौरान विपरीत असर होने की आशंका है, बल्कि आने वाले महीनों में भी.

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