याचिका दायर करने से आलाकमान खफा, घनिष्ठ मित्रों के बीच जबरदस्त दरार

लेकिन याचिका दायर करने से समझौते की संभावना क्षीण होगई है।

Update: 2020-07-16 14:08 GMT

कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट द्वारा अदालत में याचिका दायर करने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आलाकमान का मानना है कि अब सच मे यह साबित होगया है कि पायलट किन्ही बाहरी लोगों के इशारे पर कार्य कर रहे है।

भरोसेमंद सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आज शाम कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से मुलाकात कर सचिन के प्रति सहानुभूति व्यक्त की तो आलाकमान का हवाला देते हुए पटेल ने कहाकि पायलट ने खुद ही बातचीत के रास्ते बंद कर दिए है। पहले आलाकमान की सचिन के प्रति सहानुभूति थी। लेकिन अदालत में जाकर सचिन ने यह जाहिर कर दिया कि उन्हें पार्टी नेतृत्व पर विश्वास नही है।

उधर सचिन पायलट के परम मित्र भंवर जितेंद्र सिंह ने भी सचिन की इस कार्रवाई को नासमझी भरा कदम बताया है। जितेंद्र सिंह के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया कि आपस मे सुलह कर पूरे मामले को सम्मानजनक तरीके से निपटाया जा सकता था। लेकिन याचिका दायर करने से समझौते की संभावना क्षीण होगई है।

पायलट के जितेंद्र सिंह ना केवल घनिष्ठ मित्र है बल्कि अच्छे सलाहकार भी है। चुनाव जीतने के बाद जब गहलोत और सचिन के बीच जमकर युद्ध छिड़ा हुआ था, तब पायलट सलाह लेने के लिए भंवर जितेंद्र सिंह के घर ही जाते थे। भंवर की सलाह पर ही सचिन उप मुख्यमंत्री पद के लिए राजी हुए। जबकि सचिन मुख्यमंन्त्री पद के लिए अड़े हुए थे। 

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति की अध्यक्षता वाली राजस्थान उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ आज शाम करीब 7:40 बजे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगी।

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