Rajasthan Assembly by-election : कांग्रेस ने राजस्थान में बीजेपी से एक सीट छीनकर उपचुनाव में नहीं खुलने दिया बीजेपी का खाता

देश भर में भाजपा के पक्ष में चल रही लहर का भी यहां असर देखा नहीं गया।

Update: 2019-10-25 03:41 GMT

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा के दो उपचुनावों में कांग्रेस ने मंडावा से भारतीय जनता पार्टी से सीट छीन ली जबकि खींवसर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी अपनी सीट बरकरार रखने में सफल रही। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के लिए मंडावा सीट पर जीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए खुशी का मौका लेकर आई है। देश भर में भाजपा के पक्ष में चल रही लहर का भी यहां असर देखा नहीं गया।

मंडावा में कांग्रेस की रीटा चौधरी ने पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी से हार का बदला लेते हुए यह सीट पार्टी की झोली में डाल दी। पिछली बार भाजपा के नरेंद्र खींचर के सांसद चुने जाने के कारण कराए गए इस उपचुनाव में भाजपा की सुशीला सीगड़ा बुरी तरह पराजित हुई जबकि करीब छह महीने पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को झुंझुनूं में काफी समर्थन मिला था। एक तरह से भाजपा को उम्मीदवार तलाशने में ही काफी जोर लगाना पड़ा तथा कांग्रेस की प्रधान सुशीला को चुनाव मैदान में उतारा गया।

नागौर जिले के खींवसर में रालोपा ने सीट बरकरार रखी, लेकिन कांग्रेस ने कड़ी टक्कर देते हुए उसके उम्मीदवार नारायण बेनीवाल को जीत के लिए पांच हजार का आंकड़ा भी नहीं छूने दिया। मिर्धा परिवार की एकता के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी हरेन्द्र मिर्धा की हार ने वर्षों से चले आ रहे इस परिवार के प्रभाव को खत्म सा कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुनाव प्रचार में अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही तथा नवनियुक्त पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां का उनसे छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर हो गया। उपचुनाव में राजे के गुट की भूमिका पर भी प्रश्न चिह्न लगाया जा रहा है। उधर, रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल किसी तरह खींवसर से किसी अपनी साख बचाने में सफल रहे हालांकि उनका मंडावा सीट भाजपा को जिताने का दावा खोखला साबित हुआ। 

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