क्या है नेशनल हेराल्ड मामला? जिसमें सोनिया-राहुल को ED ने भेजा समन

इस केस में सोनिया और राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी किया है. कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की साजिश बताया है. आज हम आपको इस केस के बारे में विस्तार से बताएंगे.;

Update: 2022-06-02 12:08 GMT

नेशनल हेराल्ड का जिन्न एक बार फिर से बाहर आ गया है. नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. इस केस में सोनिया और राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन जारी किया है. कांग्रेस (Congress) ने इसे मोदी सरकार (Modi Government) की साजिश बताया है. आज हम आपको इस केस के बारे में विस्तार से बताएंगे.

क्या है नेशनल हेराल्ड?

साल 1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ नेशनल हेराल्ड नामक एक समाचार पत्र शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य कांग्रेस की विचारधारा को आवाज देना था. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित यह अखबार आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया. AJL ने एक हिंदी और एक उर्दू में 2 अन्य समाचार पत्र भी प्रकाशित किए. 1956 में एजेएल को गैर व्यावसायिक कंपनी के तौर पर स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 से कर मुक्त कर दिया गया. साल 2010 में यंग इंडियन लि. (YIL) के नाम से एक अन्य कंपनी बनाई गई. जिसका 76% शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास था. कंपनी धीरे-धीरे घाटे में चली गई. कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज भी चढ़ गया. साल 2008 में इसे बंद कर दिया गया.

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के जरिए AJL का अधिग्रहण किया है. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2 हजार करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. साजिश के तहत YIL को AJL की संपत्ति का अधिकार दिया गया है. लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ AJL ने सारा शेयर YIL को ट्रांसफर कर दिया. इसके बदले में YIL ने महज 50 लाख रुपये AJL को दिए. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि YIL ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है.

इस केस में तीन प्रमुख किरदार

इस केस में तीन नामों का खूब जिक्र हो रहा है वो हैं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) और कांग्रेस. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि YIL ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है. बीजेपी नेता के अनुसार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की करोड़ों की जमीन को हड़पने के लिए कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं ने ये पैंतरा चला था.

जमानत पर हैं सोनिया-राहुल

2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सभी 5 आरोपियों सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी.

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