हिन्दू धर्म मे नवरात्रि मे क्यो नही किया जाता है विवाह जानिए धर्मशास्त्र के अनुसार

शास्त्रों मे मान्यता है कि विवाह बंश आगे बढाने के लिए किया जाता है ,ऐसे मेे नवरात्रि के अवसर पर मानसिक और शारीरिक शुद्धता अपनानी पडती है

Update: 2022-09-23 13:31 GMT

 शारदीय नवरात्रि इस बार  26 सितंबर से शुरू हो रहे  है.ऐसे मे  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा नौ दिनों तक अपने भक्तों के घर में रहती हैं. हिंदू धर्म में इन दिनों को बहुत ही शुभ माना जाता है. पितृ पक्ष समाप्त होने के बाद नवरात्रि से सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस दौरान भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मुंडन और विशेष पूजा प्रतिष्ठानों का आयोजन किया जाता है. वैसे तो नवरात्रि में सभी प्रकार के शुभ कार्य किए जाते हैं, लेकिन क्या अपको पता है कि इन दिनों में शादियां नहीं होती हैं. आखिर नवरात्रि में विवाह के अलावा किसी और शुभ काम की मनाही क्यों नहीं होती है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि में शादी क्यों नहीं की जाती

और नवरात्रि के दिनों में कौन से काम नहीं करने चाहिए. नवरात्रि में विवाह मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान भक्तों के घर माता का वास होता है, इस दौरान लोग व्रत रखते हैं और मानसिक और शारीरिक शुद्धता को अपनाते हैं. विवाह का मुख्य उद्देश्य वंश को आगे बढ़ाने के लिए बच्चे को जन्म देना होता है. वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में संबंध नहीं बनाना चाहिए. नवरात्रि के नौ दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. दिन में सोने की मनाही नवरात्रि में शादी के अलावां भी कुछ ऐसे काम हैं जिनको करने से मना किया गया है.

विष्णु पुराण के अनुसार नवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्त को दिन में नहीं सोना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि दिन में सोने से व्रत का फल नहीं मिलता. नशीले पदार्थों का प्रयोग नवरात्रि के दिनों को बहुत पवित्र माना जाता है. इसमें लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, लेकिन अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तो भी कुछ चीजें आपके लिए वर्जित हैं. नवरात्रि के दौरान शराब, तंबाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. सात्विक भोजन वैसे तो लोग नवरात्रि में व्रत के दौरान फल खाते हैं, लेकिन अगर आप व्रत नहीं कर रहे हैं तो भी आपको सात्विक भोजन ही करना चाहिए. मांस, शराब, लहसुन-प्याज आदि के सेवन से बचें.

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