शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है. हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है. नौ दिन भक्त मां के नौ रूपों की पूजा-अर्चना कर उनको प्रसन्न करते हैं. हालांकि इस साल नौ दिन नहीं बल्कि मां की पूजा सिर्फ आठ दिन ही की जाएगी क्योंकि पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही है.
जो भक्त नौ दिन व्रत रह कर मां की आराधना करते हैं उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए, खासकर महिलाओं को. जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, उन्हें उनकी पूजा और व्रत का पूरा पल नहीं मिलता है. नवरात्र के व्रत में महिलाओं को भूलकर भी ये काम नहीं करना चाहिए –
महिलाओं को नवरात्रि व्रत में मां दुर्गा की पूजा खुले बाल रखकर नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना गया है. मान्यताओं के अनुसार खुले बाल अमंगल का प्रतीक होता है. इसलिए महिलाओं को पूजा हमेशा बाल को बांधकर ही करना चाहिए.
मां दुर्गा की पूजा में भक्तों को दुर्वा, आक, मदार, तुलसी, आंवला के फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं. चूंकि नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस लिए महिलाओं को चाहिए कि वे मां को ये फूल न अर्पित करें. माता रानी को लाल फूल बेहद प्रिय है इस लिए उन्हें लाल फूल चढ़ाने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
नवरात्रि में गीले वस्त्र पहन कर मां दुर्गा की पूजा करना अशुभ माना गया है. क्योंकि अमंगल में गीले कपड़े पहनकर पूजा आदि करने की मान्यता है. कभी –कभी कुछ महिलायें कम सूखे कपड़े पहन कर पूजा करने चली जाती है. इससे मां नाराज हो सकती है.
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करके ही करें. पूजा कुश के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना जाता है.