आज़मगढ़ में जयपुर के अधिवक्ता पेकर फारूख के निधन पर शोकसभा

संजरपुर वासियों ने कहा पेकर फारूख कानून के सच्चे सिपाही थे

Update: 2020-10-18 12:34 GMT

आज़मगढ़ 18 अक्तूबर 2020। असोसिएशन फॉर वेलफयर, मेडिकल, एजूकेशनल एंड लीगल असिंसटेंस (अवमेला) ने संजरपुर में आयोजित एक शोक सभा में जयपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता पेकर फारूख के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें कानून का सच्चा सिपाही बताया।

शादाब अहमद उर्फ मिस्टर ने कहा कि एडवोकेट पेकर फारूक बेहतरीन इंसान और वरिष्ठ अधिवक्ता थे। पेकर फारूक साहब ने संविधान और कानून के तकाज़ों को पूरा करने में कभी कोताही नहीं की और धारा के बहने के बजाए उसको दिशा देने का सामर्थ्य रखते थे।

उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष केवल न्यायालय प्रांगण तक सीमित नहीं था। नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन एपीसीआर के राजस्थान राज्य के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सड़कों पर भी संघर्ष किया और जाति–सम्प्रदाय से ऊपर उठकर हर प्रकार के अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ मुखर आवाज़ बने। वंचित समाज के लिए उनके संघर्ष को हमेशा याद रखा जाएगा।

मोहम्मद आसिम ने 2008 के हालात का स्मरण करते हुए कहा कि जिस समय साम्प्रदायिक आधार पर एक खास तरह के मुकदमें न करने के लिए अधिवक्ताओं पर कई तरह के दबाव थे और उन्हें हिंसा का शिकार तक बनाया जा रहा था, एडवोकेट पेकर फारूख न केवल पूरी हिम्मत के साथ उसके खिलाफ खड़े रहे और मुकदमों की पैरवी की बल्कि अपने जीवन के अंतिम दिनों तक उस संघर्ष को जारी रखा।

उन्होंने कहा कि पेकर फारूख साहब का जाना नागरिक समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर नागरिक और मानवाधिकार संगठनों के साझा संघर्षों में उनकी सक्रिय भूमिका को कभी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकेगा। गैर बराबरी और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाले इस योद्धा को हम अवमेला और आज़मगढ़ की जनता की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

शोक सभा की अध्यक्षता मो० आसिम और संचालन मसीहुद्दीन संजरी ने किया।

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