अखिलेश यादव को बड़ा झटका, धर्म सिंह सैनी सपा छोड़ भाजपा में होंगे शामिल, CM योगी की मौजूदगी में होगी घर वापसी

खतौली में होने वाली जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने वह भाजपा ज्वाइन करेंगे।;

Update: 2022-11-30 07:38 GMT

लखनऊ : अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका लगने जा रहा है। उप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़ साइकिल पर सवार होने वाले पूर्व आयुष राज्य मंत्री डा. धर्म सिंह सैनी अब फिर भाजपा का दामन थामेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खतौली में होने वाली जनसभा में वह भाजपा के मंच से उपचुनाव में कमल खिलाने का आह्वान करेंगे। यह पटकथा खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह ने तैयार की है। भाजपा ने सैनी मतों को लुभाने के लिए बड़ा दांव चला है।

दरअसल सैनी ने पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाकर विधानसभा चुनाव के पहले अखिलेश यादव का दामन थाम लिया था. उस समय सैनी बीजेपी सरकार में आयुष मंत्री थे. ऐसा कहा जा रहा है कि सहारनपुर से चुनाव हारने के बाद से धर्म सिंह सैनी को सपा में साइड लाइन कर दिया गया था.

क्यों छोड़ी थी बीजेपी 

धर्म सिंह सैनी ने कहा था, 'मैंने इसलिए बीजेपी छोड़ी, क्योंकि मेरी किसी भी तरह की बात नहीं सुनी गई. संगठन के पदाधिकारियों की भी नहीं सुनी गई. 140 विधायकों ने जब धरना दिया था तब सब धमकाए गए थे, तभी सबने तय किया था कि उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे.' सैनी ने यह भी दावा कि था हर दिन एक मंत्री और उसके साथ 2 से 3 विधायक बीजेपी छोड़ेंगे. तब चुनाव से पहले बीजेपी के करीब 20 नेताओं ने बीजेपी छोड़ दी थी.

दबाव नहीं झेल पाए-सपा

समाजवादी पार्टी का कहना है कि पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी बीजेपी सरकार का दबाव नहीं झेल पाए. सरकार के ब्लैकमेल से बचने के लिए ली उन्होंने बीजेपी में शरण ली है. सपा के प्रवक्ता उदयवीर ने कहा कि आयुष मंत्रालय के भर्ती घोटाले मामले की जांच में तेजी आने के बाद ही धर्म सिंह सैनी वापस बीजेपी का रुख किया है. उन्होंने कहा के बहुत सारे राजनीतिक लोगों में दबाव सहने की क्षमता नहीं होती है. ऐसे में मुकदमों को झेलने की नौबत आ जाए तो सरकार के दबाव को सहना सबके लिए आसान नहीं होती. इसी वजह से धर्म सिंह सैनी वापस बीजेपी जा रहे हैं?

315 वोटों के अंतर से हार गए थे चुनाव

डॉ.धर्म सिंह सैनी एक ही सीट से लगातार चार बार विधायक रहे हैं. वह पहली बार 2002 में बसपा से सरसावा (अब नकुड़) विधानसभा सीट से विधायक बने. इसके बाद 2007 फिर 2012 के चुनाव में (अब नकुड़) बसपा से तीसरी बार विधायक चुने गए. इसके बाद 2016 में उन्होंने अपना बैनर चेंज कर दिया. वह 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े और चौथी बार चुनाव जीता. फिर 2022 में विधानसभा चुनाव में पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने नकुड़ से चुनाव लड़ा लेकिन वह बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश चौधरी से 315 वोटों के अंतर से हार गए थे.

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