यूपी विधानसभा सत्र में विपक्ष का हंगामा- दो नमूने कहने पर विपक्ष ने किया वाकआउट...

देश में दो नमूने है एक दिल्ली में है एक लखनऊ में। देश में जब भी कोई महत्वपूर्ण मुद्दा उठता है तो यह देश छोड़कर भाग जाते है: सीएम योगी;

Update: 2025-12-22 10:19 GMT

विधानसभा सत्र के दौरान कोडीन कफ सिरप और नकली दवाओं के मुद्दे पर सदन में तीखी बहस देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि “आपने कहा कि दो नमूने हैं”, जिस पर सदन में प्रतिक्रिया और स्पष्टिकरण की मांग उठी।

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नकली दवाओं और कोडीन कफ सिरप से होने वाली मौतों को लेकर उठे सवालों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्ष को कड़ा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक कोडीन कफ सिरप से एक भी मौत सामने नहीं आई है, और इस मुद्दे पर जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा छापेमारी की जाती है और नियमों के तहत कार्रवाई भी होती है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा थी कि वे उम्र और अनुभव के इस पड़ाव पर सच बोलेंगे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब भी समाजवादी पार्टी उन्हें झूठ बुलवा रही है। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि “इस उम्र में उनसे झूठ मत बुलवाइए, सच बोलने की आदत डालनी चाहिए। वे लंबे समय तक चेयर पर बैठ चुके हैं।”

कोडीन कफ सिरप के मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत कार्रवाई का अधिकार उत्तर प्रदेश सरकार के पास है और इस संबंध में राज्य सरकार अपना पक्ष कोर्ट में मजबूती से जीत चुकी है।

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मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि देश का सबसे बड़ा कोडीन कफ सिरप होलसेलर समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में लाइसेंसधारी बना। उन्होंने कहा कि देश में इस नेटवर्क के दो बड़े केंद्र माने जाते हैं एक दिल्ली और दूसरा लखनऊ। जैसे ही देश में इस मुद्दे पर चर्चा तेज होती है, वैसे ही संबंधित लोग देश छोड़कर भाग जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “मुझे लगता है यही हाल आपके बाबा के साथ भी होगा, वह भी देश छोड़कर इंग्लैंड की सैर पर निकल जाएंगे और आप लोग यहां चिल्लाते रह जाएंगे।”

मुख्यमंत्री योगी ने यह भी साफ किया कि विपक्ष द्वारा उठाया गया मुद्दा नकली दवाओं से होने वाली मौतों का था, लेकिन आज तक उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी शिकायतें मिलती हैं, वहां एसटीएफ और विभागीय टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं, कंपनियों पर भी छापेमारी होती है।

सीएम ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप का उत्पादन नहीं होता, यहां केवल स्टॉकिस्ट और होलसेलर हैं। इसका निर्माण मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में होता है। जो मौतें सामने आई हैं, वे अन्य राज्यों से संबंधित मामले हैं, न कि उत्तर प्रदेश से।

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि भ्रम फैलाने के बजाय तथ्यों के साथ बात होनी चाहिए, और सरकार जनस्वास्थ्य से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतेगी।

सीएम के बयान के बाद विधानसभा सत्र के दौरान कोडीन कफ सिरप और नकली दवाओं के मुद्दे पर सदन में तीखी बहस देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि “आपने कहा कि दो नमूने हैं”, जिस पर सदन में प्रतिक्रिया और स्पष्टिकरण की मांग उठी।

इस पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने हस्तक्षेप करते हुए स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने वक्तव्य में किसी व्यक्ति या नाम का उल्लेख नहीं किया है। मंत्री सुरेश खन्ना ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री का बयान पूरी तरह तथ्यों पर आधारित था और उसे किसी व्यक्ति विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

सुरेश खन्ना ने सदन को यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के विपरीत, सरकार के पास उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों में यूपी में ऐसी किसी मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है और जनस्वास्थ्य से जुड़े मामलों में भ्रम फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने सदन से आग्रह किया कि तथ्यों के आधार पर ही चर्चा हो और किसी भी बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत न किया जाए।


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