BSA को बेल्ट से पीटने वाले प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा को मिली ज़मानत, जानिए पूरा मामला

Update: 2025-10-07 04:14 GMT

23 सितंबर को बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) कार्यालय में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई थी, जब एक प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा ने कथित रूप से बीएसए को बेल्ट से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिससे शिक्षा विभाग और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।

शहर कोतवाली पुलिस ने प्रधानाध्यापक के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था, जिनमें जानलेवा हमले (धारा 307) जैसी धाराएँ भी शामिल थीं।

अब मिली ज़मानत

लगभग दो हफ्ते जेल में रहने के बाद, सोमवार को प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा को जिला जज की अदालत से ज़मानत मिल गई है।

यह ज़मानत जिला जज कुलदीप सक्सेना की अदालत से मंजूर की गई।

हालांकि, खबर लिखे जाने तक उनकी रिहाई का आदेश (रिहाई परवाना) जेल प्रशासन तक नहीं पहुंचा था, इसलिए वे अभी भी हिरासत में हैं।

 जांच में आया बड़ा मोड़

जमानत मिलने का बड़ा आधार यह रहा कि पुलिस विवेचना में धारा 307 (जानलेवा हमला) को हटाने की संस्तुति की गई।

पुलिस ने जांच में पाया:

घटना में जान लेने की मंशा या हथियार का इस्तेमाल नहीं हुआ था।

मामला आक्रोश और व्यक्तिगत विवाद तक सीमित रहा।

इसलिए धारा 307 हटाने की रिपोर्ट अदालत को दी गई।

इस रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को सशर्त ज़मानत प्रदान कर दी।

मामले की गंभीरता और सवाल

इस घटना ने शिक्षा विभाग में प्रशासनिक कार्यप्रणाली, अधिकारियों के व्यवहार और शिक्षकों के बीच बढ़ती नाराज़गी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या एक शिक्षक द्वारा ऐसी हिंसक प्रतिक्रिया उचित है?

क्या बीएसए कार्यालय में ऐसी सुरक्षा चूक चिंताजनक नहीं?

क्या शिक्षा व्यवस्था में संवादहीनता बढ़ रही है?

शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद कुछ शिक्षक संगठनों ने बृजेन्द्र वर्मा के समर्थन में आवाज़ उठाई, उनका कहना था कि उन्होंने बीएसए द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर ऐसा कदम उठाया।

हालांकि, कई संगठनों ने भी इस कृत्य की कड़ी निंदा की और कहा कि किसी भी परिस्थिति में अधिकारी पर हमला करना एक शिक्षक की गरिमा के खिलाफ है।

आगे क्या?

अब यह देखना होगा कि:

बृजेन्द्र वर्मा की सेवा बहाली होती है या निलंबन जारी रहता है

प्रशासनिक जांच रिपोर्ट में किसे दोषी ठहराया जाता है

और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं


Full View


Tags:    

Similar News