पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति के बयान से शिक्षा जगत में मची खलबली!

Update: 2018-12-29 12:49 GMT

गाजीपुर: देश भर के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में शुमार पूर्वांचल विवि के कुलपति राजाराम यादव ने एक विवादित बयान दे दिया है। गाजीपुर जिले के एक महाविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग पूर्वांचल विवि के छात्र हैं रोते हुए कभी मेरे पास मत आना, अगर किसी से झगड़ा हो जाए उसकी पिटाई करके आना तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर कर देना लेकिन कहीं कमजोर नहीं पड़ना

जी हां ये बातें उस विवि के कुलपति की हैं जिसके अधीन तकरीबन 350 से अधिक महाविद्यालय फल-फूल रहे हैं। लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य जिसके आदेश निर्देश पर टिका है। लेकिन इनके विचार सुन कर छात्र तो क्या कुछ शिक्षाविद भी हैरान रह गये। बतादें कि पूर्वांचल विवि के कुलपति राजाराम यादव गाजीपुर के सत्यदेव कालेज में एवं डा0 राम मनोहर लोहिया डिग्री कालेज अध्यात्मपुरम के बच्चो को उच्च शिक्षा की चुनौतियां विषय संबोधित कर रहे थे। लेकिन जैसे ही चुनौतियों की दिशा में बच्चों का ज्ञानार्जन करना हुआ तो कुलपति जी की ज्ञान धारा गलत दिशा में प्रवाहित होने लगी। उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र वही होता है जो पर्वत के चट्टानों में सेंध मारता है और पानी की धार निकलती है उसी को छात्र कहते हैं। कुलपति ने कहा कि छात्र अपने जीवन में जो संकल्प लेता है उस संकल्प को अपनी आंखों से पूरा करता है, उसी को पूर्वांचल विश्वविद्यालय का छात्र कहते हैं। इतना ही नहीं उन्होने इससे भी आगे जाकर बोलते हुए कहा कि अगर आप पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र हो तो रोते हुए कभी मेरे पास मत आना, अगर किसी से झगड़ा हो जाए उसकी पिटाई करके आना। तुम्हारा बस चले तो उसका मर्डर करके आना। लेकिन पीछे मत हटना। कुलपति के इस बयान को सुन वहां बैठे छात्र ही नहीं कई शिक्षक भी दंग रह गए।

बयान को लेकर जब पत्रिका ने वहां बैठे कुछ शिक्षाविदों से सवाल किया तो उन्होने इस तरीके के किसी भी बयान को अनुचित बताया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रोफेसर योगेंद्र सिंह ने कहा कि पूविवि के कुलपति के ये बयान गैर जिम्मेदाराना है। ऐसे बयान उन्हे बिल्कुल नहीं देना चाहिए। साथ ही जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति हरिकेश सिंह ने भी कहा कि ये बयान पूरी तरह से गलत है। राजाराम यादव को अपनी कुछ कहने से पहले बखूबी सोचना चाहिए की वो क्या बोलना चाह रहे हैं।

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