जिला पंचायत हाल में राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शीला को किया गया सम्मानित डीएम, बीएसए और जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया सम्मानित

Update: 2022-09-05 13:28 GMT

डीएम ने छात्राओं का किया सम्मान, ट्रेनिंग देने वाले शिक्षकों को दिया बधाई डीएम ने कहा परिषदीय विद्यालय के और शिक्षक आने वाले समय में इससे प्रेरणा लेंगे और बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे शिक्षक अगर मेहनत करें तो न केवल विद्यार्थी का भविष्य संवार सकते हैं। बल्कि जिस संस्थान में कार्यरत हों, उसकी तकदीर और तस्वीर बदल सकते हैं। आज शिक्षक दिवस के मौके पर एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में जो काम हो रहे हैं, उन्हें देखकर ये कहा जा सकता है कि भारत पुन: विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है।

जिसका सीधा प्रसारण गाजीपुर के जिला पंचायत हाल में देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मौके पर लाइव प्रसारण किया जा रहा था। लाइव प्रसारण के दौरान डीएम एमपी सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव समेत तमाम शिक्षक मौजूद थे। जहां पर स्कूली बच्चों द्वारा संस्कृत में स्वागत गीत गया गया। बच्चों के संस्कृत में स्वागत गीत से अभी भूत हो कर डीएम ने बच्चो का स्वागत व सम्मान करते हुए उन बच्चो को ट्रेनिंग देने वाले शिक्षकों को बधाई दिए। वही राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित जिले की शिक्षिका शीला सिंह को डीएम और बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला पंचायत अध्यक्ष ने संयुक्त रूप सम्मानित किया।

इस दौरान डीएम एमपी सिंह ने कहा कि आज 5 सितंबर है और 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आज शीला सिंह जो जनपद के सम्मानित शिक्षक हैं और उनको राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मान किया गया है। आज इस हाल में शीला सिंह को और मौजूद सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर बहुत-बहुत बधाई। आज हमारे परिषदीय विद्यालय के शिक्षक गण है वह आने वाले समय में इससे प्रेरणा लेंगे और बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगे। वहीं उन्होंने जिला पंचायत हाल में मुख्यमंत्री के लाइव प्रसारण के बाहर कहा कि मुख्यमंत्री जी का निर्देश था कि बेसिक शिक्षा विभाग में बेहतर काम किया है। इसे और आगे हम बढ़ाने का और प्रयास किया जाए।

शिक्षा में न केवल सैद्धांतिक बल्कि तकनीकी पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि बच्चो का और विकास हो सके। वही राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका शीला सिंह ने कहा कि ये पुरस्कार एक दिन की मेहनत का नहीं है। ये मेरे द्वारा शक्ति मिशन और कला में किए गए मेरे काम को जांचा और परखा गया उसके बाद मुझे ये सम्मान मिला है। इस सम्मान के पीछे बेसिक शिक्षा अधिकारी और मेरे पति के सहयोग से मिला है।

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