निरन्तर दिन रात हो रही बारिश से भरभरा कर गिरा जर्जर कच्चा मकान बाल-बाल बचे दंपत्ति

चाहे किसान हो या कच्चे मकानों में निवास करने वाले लोग और इस तरह की बारिश से कई परिवार घर से बेघर हो चुके है और कई परिवार होने को बाकी हैं।

Update: 2019-09-28 15:29 GMT

कौशाम्बी। लगातार 48 घण्टे से हो रही बारिश से जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है एक तरफ जहाँ किसानों की भारी भरकम फसल नष्ट हो चुकी है । तो दूसरी तरफ कच्चे व जर्जर मकानों में निवास करने वाले गरीब परिवारो के लिए लगातार हो रही बारिश आफत की बारिश साबित हो रही है और अपने आपको कच्चे मकानों में निवास करने वाले गरीब लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं लगातार बारिश से किसी भी वक्त जर्जर मकान की पूरी की पूरी दीवार उनके सर के ऊपर पल भर में धरासायी हो सकती है यही चिंता सताए जा रही है कच्चे मकान में रहने वाले गरीब परिवारों को सही मायने में यह कह लिया जाय कि इस तरह की बारिश किसी के लिए लाभदायक साबित नही हो सकती है चाहे किसान हो या कच्चे मकानों में निवास करने वाले लोग और इस तरह की बारिश से कई परिवार घर से बेघर हो चुके है और कई परिवार होने को बाकी हैं।

कड़ा ब्लाक क्षेत्र के हब्बू नगर सिपाह ग्राम में रामप्यारी जो एक विधवा औरत है पूर्व में रामप्यारी के पति भगौती प्रसाद की लम्बी बीमारी के चलते पति की मृत्यु हो जाने के कारण उसके परिवार के ऊपर गरीबी का पहाड़ टूट पड़ा जिससे उभरने के लिए भगौती की पत्नी रामप्यारी जीविका चलाने के लिए मजदूरी करने लगी और उसी मजदूरी में बच्चों का भरड़ पोषण होता रहा पुरानी बातों को भूलकर रामप्यारी अपने बच्चों के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगी लेकिन लगातार बारिश होने के कारण कच्चे मकान की दीवारें जर्जर हो गई शनिवार की रात भरभरा कर गिर गई और संयोग से जिस तरफ दंपत्ति सो रहे थे उसके विपरीत में दीवार जा गिरी लेकिन दंपत्ति बाल- बाल बच तो जरूर गई परन्तु दंपत्ति को घर से बेघर होना पड़ा जो इस वक्त ग्राम पंचायत भवन में रैन बसेरा बसा चुके हैं।

दंपत्ति का कहना है कि प्रधान मंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में नाम होने के बावजूद इस योजना से वंचित किया जा रहा है ।और कच्चा मकान गिरने से पहले जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधान को जर्जर मकान की स्थिति से कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व ग्राम प्रधान के कार्यों में शिथिलता के कारण इस समय एक गरीब विधवा औरत अपने ही घर से बेघर हो चुकी है क्योकि बची हुई दीवार लगातार रातो दिन बारिश होने के कारण मकान की दीवारें इतनी जर्जर हो चुकी है कि किसी भी वक्त पूरा का पूरा मकान धरासायी हो सकता है खतरे को भांपते हुए रामप्यारी अपने पूरे परिवार के साथ गाँव के पंचायत भवन में जा बसे हैं।

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