पुलिस महकमे की वर्दी पर दाग लगाने वाले चौकी इंचार्ज अझुवा पर क्या आला अधिकारी करेंगे कारवाही

चौकी इंचार्ज ने जिसे माना अपराधी 3 दिन तक कस्टडी में रखने के बाद 6000 लेकर उसे छोड़ा

Update: 2019-08-10 07:21 GMT

कौशांबी सैनी कोतवाली के अझुवा पुलिस चौकी अंतर्गत धुमाई गांव की बॉलिंग किशोरी अनीशा देवी ने गांव के अपने बिरादरी के लड़के संजय से शादी करने के बाद विवाह पंजीकरण उप निबंधक कार्यालय सिराथू के यहां पंजीकृत करा लिया। इसी मामले में अनीशा के पिता ने चौकी पुलिस को सूचना दी कि उनकी बेटी प्रेमी के साथ भाग गयी है। जिस पर अझुवा चौकी पुलिस अनीशा और उसके प्रेमी तथा उनके परिजनों पर दोनों की गिरफ्तारी का दबाव बनाने लगी।

अझुवा पुलिस चौकी के तुर्रमखां चौकी इंचार्ज के भय से भागकर अनीशा और उसका पति संजय हाई कोर्ट पहुंचे और रिट याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट से मदद मांगी। जिस पर उच्च न्यायालय ने अनीशा संजय दंपत्ति के जीवन में पुलिस और अन्य द्वारा इंटरफेयर ना करने का निर्देश दिया और इन्हें सुरक्षा देने का निर्देश पुलिस को दिया लेकिन अझुवा चौकी इंचार्ज तुर्रमखां बने रह गए और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर किशोरी अनीशा को जबरिया पुलिस कस्टडी में लेकर पुलिसिया बयान 161 और बालिका का मेडिकल चेकअप स्वास्थ्य विभाग से करा ही डाला।

इतना ही नहीं अझुवा चौकी इंचार्ज ने उच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवमानना करते हुए बालिका को 164 का बयान कराने लेकर अदालत पहुंच गए जहां इन्हें मुंह की खानी पड़ी और फटकार लगाकर इन्हें भगा दिया गया। इसी मामले में अनीशा के पति संजय के पिता सुरेश और उनके भाई को पुलिस ने 6 अगस्त की रात घर से घसीट कर पुलिस कस्टडी में कैद कर लिया था और जब अदालत की अवमानना के बारे में चौकी इंचार्ज अझुवा हनुमान प्रसाद को फटकार पड़ी तो पुलिस हिरासत से बालिका को छोड़ने के साथ साथ अनीशा के पति संजय के पिता सुरेश और उनके भाई को छोड़ने के एवज में बेशर्मी की हद पार करते हुए चौकी इंचार्ज अझुवा हनुमान प्रसाद ने 6000 की रकम नगद पीड़ित से वसूल ली है।

आखिर संजय और सुरेश यदि अपराधी थे तो उन्हें पुलिस ने छोड़ा क्यों लेकिन यदि संजय और सुरेश निर्दोष है तो पुलिस ने उन्हें 3 दिनों तक अपने कस्टडी में किस नियम के तहत कैद रखा है यह सवाल अझुवा चौकी इंचार्ज की कार्यों पर बड़ा सवाल है वैसे भी किसी आरोपी को पुलिस 24 घंटे से अधिक कस्टडी में नहीं रख सकती है चौकी इंचार्ज अझुवा नियम कानून को तमाशा बनाए हुए हैं इस मामले की यदि आला अधिकारियों ने उच्च स्तरीय जांच कराई तो चौकी इंचार्ज अझुवा हनुमान प्रसाद पर कठोर कार्रवाई होना तय है।

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